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    जर्जर हो रहे हैं विद्यालय, छात्रों की सुरक्षा के सवाल पर कब जागेगा पंचकूला प्रशासन

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:34 PM (IST)

    मोरनी क्षेत्र के स्कूल मरम्मत के अभाव में जर्जर हो गए हैं। दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है और सरिया निकल रहा है जिससे छात्रों की सुरक्षा खतरे में है। ठंडोग पंचायत के प्राथमिक विद्यालय थाना-बडयाल की हालत भी खस्ता है। ग्रामीणों ने विभाग से स्कूलों की मरम्मत कराने और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि बच्चों को किसी संभावित खतरे से बचाया जा सके।

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    मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रहे हैं विद्यालय।

    संवाद सहयोगी, मोरनी। मोरनी क्षेत्र के विद्यालय वर्षों से मरम्मत के अभाव में बदहाली झेल रहे हैं। देखभाल के अभाव में इन भवनों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। दीवारों का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है और जगह-जगह लेंटर से सरिया निकलकर बाहर आ गया है, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है।

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    विभाग की ओर से भवन की वास्तविक मरम्मत करवाने के बजाय केवल रंग–रोगन करके इन्हें चमकाने का प्रयास किया जाता है, जिससे समस्या जस की तस बनी हुई है। मोरनी खंड के अनेक स्कूलों में न तो भवनों की दशा सुधरी है और न ही फर्नीचर की स्थिति बेहतर है। कमरों की छतों से सीमेंट व प्लास्टर के टुकड़े गिर रहे हैं। कई स्कूलों के शौचालय क्षतिग्रस्त हैं जिनकी तत्काल रिपेयर की आवश्यकता हैं।

    ठंडोग पंचायत के प्राथमिक विद्यालय थाना–बडयाल स्कूल इन स्कूलों में से एक है। यहां का भवन बेहद पुराना है और इसका प्लास्टर आज तक ठीक नहीं किया गए। एक शौचालय डैमेज किया हुआ है उसकी हालत इस कदर खराब है कि इसकी छत से प्लास्टर के टुकड़े गिरते रहते है। कमरों के ऊपर सुरक्षा के लिए डाले गए बीम का सरिया निकल चुका है जिसे पेंट से छुपाया जाता है।

    विद्यालय का आंगन अभी तक पक्का नहीं बन पाया है, जिससे बच्चों को बारिश के मौसम में कीचड़ और कंकड़ पत्थरों से परेशानी झेलनी पड़ती है। स्कूल के नीचे सड़क की तरफ से बारिश की बाद पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन के कारण गिर गया है जिससे स्कूल को भी खतरा पैदा हो गया है। लोक निर्माण विभाग को विद्यालय ने अवगत करवाया लेकिन अभी तक इस खतरे के प्रति कोई सचेत नहीं हुआ।

    थाना–बडयाल के इस स्कूल में कक्षाओं की छतों में सीलन के कारण लगातार सीमेंट झड़ रहा है, जिससे छात्रों को चोट लगने की आशंका बनी रहती है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दीवारों पर काई जमी हुई है और प्रशासन की लापरवाही के कारण भवन की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

    इसी स्कूल के साथ लगते एक अन्य प्राथमिक स्कूल मोडी– कडेरन में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है जहां भवन की दीवारों में बड़े बड़े क्रैक और दरारें इसके ढहने की ओर संकेत कर रही हैं। स्कूल की दीवारों पर काई जमी हुई है और इनकी मरम्मत की अभिभावक अनेकों बार मांग कर चुके हैं

    ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि ऐसे माहौल में आखिर वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने का साहस कैसे करें। ग्रामीणों ने मांग की है कि विभाग जल्द स्कूलों की मरम्मत कराए और बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाए, ताकि संभावित खतरे से उनका बचाव हो सके।