हरियाणा में सुधरेगी जल आपूर्ति व्यवस्था, 315 करोड़ की परियोजना पर सीएम नायब सैनी ने लगाई मुहर
हरियाणा सरकार ने सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 315 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के तहत नहरों की री-मॉडलिंग पुनर्वास और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। यमुना वाटर सर्विस लोहारू वाटर सर्विस और जवाहर लाल नेहरू सर्कल के अंतर्गत ये परियोजनाएं चलेंगी। इससे किसानों को पर्याप्त पानी मिलेगा जलजमाव कम होगा और कृषि उत्पादन बढ़ेगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ एवं कारगर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की बैठक में राज्य में माइनरों की व्यापक री-माडलिंग (पुनर्निर्माण एवं सुधार) कार्य योजना को मंज़ूरी प्रदान की गई है।
इसके तहत 54 अलग-अलग परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा और इस पूरी परियोजना पर 315 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सरकार ने तय किया है कि यमुना वाटर सर्विस, लोहारू वाटर सर्विस और जवाहर लाल नेहरू सर्कल के तहत इन सभी परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट लेने के बाद कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत नहरों की गहराई, चौड़ाई एवं ढांचे को आधुनिक तकनीक से सुदृढ़ किया जाना चाहिए, ताकि सिंचाई जल की आपूर्ति समय पर पर्याप्त रूप से किसानों तक पहुंच सके। इस पूरी परियोजना के तहत विभिन्न नहरी सर्कलों के तहत 30 कैनाल का पुनर्वास तथा 24 कैनाल की री-माडलिंग की जाएगी।
नायब सैनी ने कहा कि इससे किसानों की फसलों को पर्याप्त सिंचाई जल मिलेगा, भूमिगत जल स्तर पर दबाव कम होगा और प्रदेश में कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या पर भी काबू पाया जा सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और माइनरों के लेवल में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि यमुना वाटर सर्विस सर्कल भिवानी के तहत 41 परियोजनाएं, यमुना वाटर सर्विस सर्कल करनाल के तहत एक तथा यमुना वाटर सर्विस सर्कल रोहतक के तहत दो परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा। लोहारू वाटर सर्विस सर्कल भिवानी के अंर्तगत सात परियोजनाएं और जवाहर लाल नेहरू सर्कल रेवाड़ी के तहत तीन परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इन कार्यों को नाबार्ड की सहायता से क्रियान्वित किया जाएगा।
इन परियोजनाओं के तहत माइनरों के किनारों को मज़बूत और ऊंचा किया जाना है। लाइनिंग की मरम्मत व पुनर्वास, पाइप लाइन बिछाना, हेड रेगुलेटर, साइफन, पुलिया और आउटलेट की मरम्मत के कार्य भी इसी परियोजना का हिस्सा हैं, जिससे लीकेज खत्म होगी और पानी की बचत होगी।
परियोजनाओं के सुचारू संचालन के बाद संभावित क्षेत्रों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इनसे भिवानी, रोहतक, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, सोनीपत और करनाल जिलों को लाभ मिलेगा।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव सीजी रजनीकांथन, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ सतबीर कादियान शामिल हुए।
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