पानीपत में लोन पास करवाने के लिए मांगी रिश्वत, कोर्ट ने सुनाई तीन साल की सजा
पानीपत में लोन पास कराने के नाम पर रिश्वत मांगने वाले उद्योग बोर्ड के मैनेजर और ऑपरेटर को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि मैनेजर ने लोन पास कराने के लिए एक लाख की रिश्वत मांगी थी बाद में 20 हजार पर सहमति बनी। एसीबी ने ऑपरेटर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया जिसके बाद मैनेजर भी गिरफ्तार हुआ।

जागरण संवाददाता, पानीपत। पानीपत निवासी एक व्यक्ति से लोन पास करवाने के नाम पर एक लाख की रिश्वत मांगने वाले उद्योग बोर्ड के मैनेजर और ऑपरेटर को एडीजे कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा और एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। दोनों के खिलाफ पीड़ित की शिकायत पर करनाल एसीबी थाने में 19 जुलाई 2022 को मामला दर्ज किया गया था।
एसीबी टीम को दी शिकायत में पानीपत निवासी व्यक्ति ने बताया था कि वह डेरी और खेती बाड़ी का काम करता है। 12 जुलाई 2022 को उसने खादी ग्रामीण बोर्ड जींद में 25 लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके लिए अनिल कुमार, जिला प्रबंधक खादी ग्रामीण उद्योग बोर्ड से मुलाकात की। इस दौरान उसने लोन पास करवाने के एवज में एक लाख की रिश्वत मांगी।
अनुरोध करने पर घटाई रिश्वत की राशि
पीड़ित के अनुसार जब उसने रिश्वत की राशि अधिक होने पर कम करने का अनुरोध किया तो मैनेजर अनिल कुमार के साथ 20 हजार रुपये में सहमति बन गई। अनिल ने कहा कि ये राशि कंप्यूटर ऑपरेटर विनय कुमार को देनी है।
जिसके बाद एसीबी को शिकायत दी और एसीबी की टीम ने ऑपरेटर को रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया जिसके बाद अनिल कुमार को भी जींद से गिरफ्तार किया गया। आरोपितों को अब एडीजे कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा और एक-एक लाख जुर्माना लगाया है।
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