हरियाणा में BJP पूर्व चेयरपर्सन पर केस, फर्जी जाति प्रमाण पत्र से आरक्षित श्रेणी के वार्ड से जीता था चुनाव
पानीपत में जिला परिषद की पूर्व चेयरपर्सन काजल देशवाल पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने के आरोप में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पूर्व चेयरपर्सन ज्योति शर्मा के पति की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। काजल को पहले भी डीसी ने पद से मुक्त कर दिया था।

जागरण संवाददाता, पानीपत। जिला परिषद की भाजपा की पूर्व चेयरपर्सन काजल देशवाल पर बीसी ए जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ने के आरोप में धोखाधड़ी, जालसाजी और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज हुआ है। चेयरपर्सन के खिलाफ पूर्व चेयरपर्सन ज्योति शर्मा के पति प्रदीप कुमार ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी। इसके बाद कार्रवाई की गई है।
इससे पहले डीसी ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने पर उन्हें जून 2025 में पद मुक्त किया था। काजल देशवाल चुनाव से पहले ज्योति शर्मा को कुर्सी से हटाकर चेयरपर्सन बनी थी। काजल देशवाल जून 2024 में चेयरपर्सन बनी थी। प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने उन्हें पार्टी में शामिल किया था। ज्योति शर्मा 27 दिसंबर 2022 को भाजपा के समर्थन से जिला परिषद चेयरपर्सन चुनी गई थीं लेकिन उनके खिलाफ लामबंदी शुरू हो गई। छह मार्च 2024 को उन्हें पद छोड़ना पड़ा। उस समय 17 में से 13 पार्षद उनके खिलाफ खड़े थे।
इसके बाद 14 जून 2024 को इन्ही लामबंद पार्षदों के समर्थन से काजल देशवाल सर्वसम्मति से चेयरपर्सन बन गईं लेकिन सिर्फ एक साल ही इस पद पर रह पाईं। जाति प्रमाणपत्र फर्जी साबित होने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया। पानीपत जिला परिषद का वार्ड-13 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। काजल देशवाल ने इस वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन में खुद को कश्यप राजपूत बताया था।
इसके साथ ही जाति प्रमाणपत्र भी लगाया। उसमें उल्लेख था कि कश्यप राजपूत पिछड़ा वर्ग में आते हैं। जांच में यह सामने आया कि उत्तर प्रदेश, जहां काजल का जन्म हुआ, वहां कश्यप राजपूत पिछड़ा वर्ग की बजाय सामान्य श्रेणी में आते हैं। डीएम की रिपोर्ट में साफ लिखा कि यह जाति प्रमाणपत्र अवैध है। इसी आधार पर काजल की सदस्यता और चेयरपर्सन की कुर्सी चली गई।
ज्योति से हारी, रणनीति से उन्हें हटाकर बनी थी चेयरपर्सन पानीपत जिला परिषद चेयरपर्सन का पद इस बार महिला के लिए आरक्षित था। तब भाजपा के समर्थन से ज्योति शर्मा मैदान में उतरीं और विपक्ष ने काजल देशवाल को उतारा। मुकाबला कड़ा हुआ और ज्योति दो वोट से चेयरपर्सन बनीं लेकिन एक साल के भीतर ही उनके खिलाफ पार्षद लामबंद हो गए और अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर ली।
प्रस्ताव पेश होने से पहले ही ज्योति शर्मा ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद काजल देशवाल चेयरपर्सन बनीं थी।वर्जन-मामले में पूर्व चेयरपर्सन काजल देशवाल पर धोखाधड़ी, जालसाजी और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज किया है। पूरे मामले की गहनता से जांच कर आगामी कार्रवाई की जाएगी। दीवान सिंह, प्रभारी, सिटी थाना पुलिस।

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