पानीपत में शराब ठेकेदार पर हुआ था जानलेवा हमला, गैंगस्टर प्रसन्न लंबू सहित 15 को सजा
पानीपत के नूरवाला बस स्टैंड पर शराब ठेकेदार अजीत व उसके साथी सागर को गोलियां मार दी थी आरोपितों की गोलियों से उन्हीं का साथी गोयला का मनीष उर्फ मुखियां भी मारा गया था। प्रसन्न उर्फ लंबू व उसके सात साथियों को 14 साल और सात गुर्गों को उम्रकैद हुई

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अमित गर्ग की अदालत ने शराब ठेकेदार व उसके साथियों पर जान लेवा हमले व हमलावरों के एक साथी की हत्या के केस में 15 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सात दोषियों को उम्रकैद, छह दोषियों को 14 साल व दो दोषियों को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषियों को 14.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर दोषियों को एक-एक साल की सजा और काटनी पड़ेगी। सजायाफ्ताओं में गैंगस्टर सिवाह के प्रसन्न उर्फ लंबू, बुआना लाखू के राकेश उर्फ राकू कुख्यात पेशेवर अपराधी हैं। लंबू हत्या, हत्या के प्रयास, लूट सहित डेढ़ दर्जन संगीन मामले में प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
यह है मामला
सिवाह के गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू की शराब ठेकेदार अजीत उर्फ जीता निवासी गांव खलीला प्रहलादपुर से रंगदारी मांगने को लेकर रंजिश चल रही थी। इस रंजिश के चलते अजीत पर तीन बार जान लेवा हमले हो चुके थे। इसके बाद अजीत व उसके परिजनों को पानीपत प्रशासन ने जहां हथियारों के लाइसेंस बनाए, वहीं सुरक्षा कर्मी भी दिए। अजीत के छोटे भाई सुरेंद्र पहलवान ने पुलिस को शिकायत दी कि 19 दिसंबर 2020 को अजीत अपने गनमैन दिलबाग, कार चालक अमर व साथी सागर के साथ नूरवाला बस स्टैंड पर अपने शराब के ठेके पर आया था। यहां पर सात-आठ युवकों ने ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों पक्षों फायरिंग में अजीत व कार चालक सागर गोलियां लगने से घायल हो गए। जबकि जवाबी फायरिंग भी हुई। पुलिस के अनुसार आरोपितों की गोली से उन्हीं के साथी गोयला गांव के मनीष उर्फ मुखिया गोलियां लगने से मौके पर ही मर गया था। अजीत व सागर की जान बच गई थी। अजीत के छोटे भाई सुरेंद्र के बयान पर सेक्टर 13-17 थाना पुलिस ने गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू सहित उसके 15 साथियों पर केस दर्ज किया।
कोर्ट ने इनको सुनवाई सजा
हत्या के दोष में उम्रकैद : सिवाह गांव के नवीन उर्फ भोलू , इसी गांव के आंचल, देहरा गांव के विशाल, हरिनगर के जसविंद्र उर्फ जस्सी, अटावला गांव के प्रदीप, रिसालू के अमित, जींद के नरवाना के जगदीप को उम्रकैद की सजा हुई।
षड़यंत्र (12) में 14 साल की सजा : सिवाह के प्रसन्न उर्फ लबूं, लाखू बुआ के राकेश उर्फ राकू, मेरठ के सोएब, अटावला के प्रदीप, जींद के कालवा के शील कुमार, सिवाह के राजेंद्र और देहरा गांव के विशाल।
शरण देने में (216) सात साल सजा : सोनीपत के भावड़ गांव के विक्रम व पानीपत के गुरुनानकपुरा कच्चा कैप अनिल ।

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