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    Haryana Weather: दिन अब भी गर्म, रात का तापमान आया नीचे; पानीपत में सांस लेना हुआ मुश्किल

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 08:41 AM (IST)

    पानीपत में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हालात गंभीर हो गए हैं, एक्यूआई 306 तक पहुंच गया है। औद्योगिक क्षेत्र में धुंध छाई हुई है और सांस लेना मुश्किल हो रहा है। तापमान में गिरावट के साथ प्रदूषण और बढ़ने की आशंका है। नगर निगम के प्रयास नाकाफी हैं, और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। कूड़ा जलाने की समस्या भी प्रदूषण को बढ़ा रही है।

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    पानीपत में प्रदूषण का कहर: एक्यूआई 300 के पार।

    जागरण संवाददाता, पानीपत। पानीपत में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही एक्यूआई 306 तक जा पहुंचा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग जैसे गैस के चैंबर में रह रहे हों। खासकर औद्योगिक क्षेत्र के हालात ऐसे हो गए हैं कि जैसे दिसंबर के आखिर व जनवरी में धुंध गिरती है। स्माग की यह चादर लोगों को बीमार कर रही है। सांस लेना दुभर हो गया है। तापमान की बात की जाए तो अधिकतम अब भी 29.0 से 30.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।

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    दिन में अब भी गर्मी महसूस हो रही है, जबकि रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जो 17.0 से 18.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह में तापमान नीचे आने की संभावना है।

    दिन का तापमान 27.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ सकता है, जबकि रात का तापमान भी 15.0 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच सकता है। प्रदूषण को लेकर बिगड़ते हालात से बचने के लिए नगर निगम एंटी स्माग गन का इस्तेमाल कर रहा है, आंशिक राहत के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन यह प्रयास नाकाफी ही हैं।

    सामान्य से ऊपर है पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर

    शहर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर सामान्य सीमा से काफी ऊपर हैं। यह स्थिति विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र और जीटी रोड के आसपास अधिक गंभीर है, जहां ट्रकों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं वातावरण में घुल रहा है। तापमान के गिरने से यह प्रदूषण अब ऊपर नहीं उठ पा रहा, जिससे हवा में धुंध की परतें और मोटी होती जा रही हैं।

    प्रदूषण से अभी राहत नहीं

    मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों में तापमान और गिरने की संभावना है। इस स्थिति में प्रदूषण और अधिक असर दिखा सकता है। हवा की गति फिलहाल कम है, जिससे हवा में मौजूद धूल और धुएं के कण नष्ट नहीं हो पा रहे। सुबह के समय दृश्यता कम होने लगी है और स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर दफ्तर जाने वाले लोगों को आंखों में जलन और खांसी जैसी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

    विशेषज्ञों की राय, सुबह सैर से बचना चाहिए

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। डाक्टरों का कहना है कि प्रदूषण और ठंड का मेल सांस और हृदय से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा सकता है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के रोगियों को सुबह-सुबह बाहर निकलने से बचना चाहिए। घर में पौधे लगाने, मास्क पहनने और जरूरत पड़ने पर एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल की सलाह दी गई है।

    बेखौफ होकर जलाया जा रहा कूड़ा बना सिरदर्द

    नगर निगम की ओर से तमाम सख्ती करने के बावजूद शहर में विभिन्न जगहों पर कूड़ा धड़ल्ले से जलाया जा रहा है। विशेषकर औद्योगिक क्षेत्र में आगजनी की घटनाएं सामान्य हो चुकी हैं। यहां पर फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट सड़क किनारे डाल दिया जाता है और चोरी छिपे इसको आग के हवाले कर दिया जाता है। स्थिति ऐसी हो जाती है कि बिना मास्क यहां से गुजरना अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डालने जैसा है।