पानीपत में माता-पिता के बीच सो रहे 8 साल के बच्चे को सांप ने डसा, मौत
पानीपत की विद्यानंद कॉलोनी में एक दर्दनाक घटना घटी जहाँ माता-पिता के साथ सो रहे आठ साल के बच्चे को सांप ने डंस लिया। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल ले गए लेकिन बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल लाने में देरी होने के कारण बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना से इलाके में शोक की लहर है।

जागरण संवाददाता, पानीपत। विद्यानंद कॉलोनी में माता-पिता के बीच सो रहे आठ साल के बच्चे को सांप ने डंस लिया। बच्चे की तबीयत बिगड़ी तो स्वजन उसे सनौली रोड स्थित निजी अस्पताल में लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला नागरिक अस्पताल रेफर कर दिया। यहां पहुंचने से पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने इस संबंध में चांदनी बाग थाना पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने स्वजन के बयान दर्ज कर पोस्टमार्टम करा स्वजन को सौंप दिया है। इस सीजन में जिले में सर्पदंश से दो बच्चों समेत चार की मौत हो चुकी है। तीन माह में सर्पदंश के 110 केस आ चुके हैं। यहां से डिस्चार्ज होने का रेट 100 प्रतिशत है जिनमें चार की मौत हुई है, उनको जिला नागरिक अस्पताल में लाने में देरी हुई थी। यहां पहुंचने से पहले ही चारों ने दम तोड़ दिया।
विद्यानंद कॉलोनी निवासी रमेश कुमार ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गौंडा जिले के गांव अजब के रहने वाले हैं। वह करीबन आठ साल से पानीपत की विद्यानंद कॉलोनी में किराए पर रहते हैं और एक फैक्ट्री में काम करते हैं। उनका छोटा बेटा देव (8) यहां सरकारी स्कूल में एलकेजी का छात्र था। मंगलवार रात नौ बजे वह अपनी पत्नी व चारों बच्चों के साथ कमरे में सो रहा था। देव उसके व उसकी पत्नी के बीच सो रहा था।
रात करीबन ढाई बजे देव की आंखें खुली और वह शौच के लिए बोलने लगा। वह उसे शौच कराकर लाया, फिर वह रोने लगा और बोला कि उसके पेट में दर्द है। वह सुबह चार बजे उसे एक निजी अस्पताल में लेकर गए, यहां कुछ देर उसका इलाज चला। यहां उसकी हालत बिगड़ गई। फिर वह उसे दूसरे अस्पताल में लेकर गए, यहां से देव को जिला नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया। यहां पहुंचने से पहले ही देव की मौत हो गई।
इमरजेंसी वार्ड प्रभारी इमरजेंसी मेडिसिन डॉ. सुखदीप कौर ने बताया कि जब बच्चे को यहां लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। संभावना है कि बच्चे को कामन करैत सांप ने डसा है। उसके शरीर पर डसने के निशान नहीं थे। इमरजेंसी वार्ड का सांप के डसे मरीजों को ठीक करने का रेट 100 प्रतिशत है। लोगों से अपील है कि सांप के डसने पर मरीज को अस्पताल में लेकर आएं। झाड़ फूंक के चक्कर में न पड़े।
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