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    Rewari News: बिस्कुट में मक्खी मिलने का मामला कोर्ट पहुंचा, अदालत ने कंपनी पर लगाया जुर्माना

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 04:21 PM (IST)

    रेवाड़ी के जिला उपभोक्ता न्यायालय ने एक नामी कंपनी के बिस्कुट में मक्खी मिलने पर ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। रमन कुमार नामक व्यक्ति ने 12 मार ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। रेवाड़ी में जिला उपभोक्ता न्यायालय ने एक नामी कंपनी के बिस्कुट में मक्खी मिलने पर ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि नौ प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करनी पड़ेगी।

    दरअसल, रेवाड़ी के रहने वाले रमन कुमार ने 12 मार्च 2024 को शहर के एक मॉल से पारले- कंपनी का बिस्कुट के साथ अन्य जरूरी सामान खरीद किया था। खरीदे हुए बिस्कुट को घर लेकर जाने बाद चाय के साथ खाने के लिए खोला गया तो, देखा कि एक बिस्कुट में मक्खी है। गहराई से देखने पर स्पष्ट लग रहा था कि बिस्कुट को बनाते समय मैटेरियल में ही मक्खी आ गई जो बिस्कुट बनाने की मशीन की डाई के साथ बिस्कुट में सेट हो गई।

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    इसके बाद 14 मार्च 2024 को मॉल व बिस्कुट कंपनी के जिला उपभोक्ता न्यायालय में वाद दायर किया। कोर्ट में तीनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी। मॉल की ओर से अपना पक्ष रखते हुए गया कि कंपनी की ओर से सील पैक बिस्कुट आते है। इसमें उनका कोई दोष नहीं है।

    बिस्कुट कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके सभी प्रोडक्ट साफ सुथरे होते हैं। बिस्कुट में लगी मक्खी बिस्कुट खोलने के बाद में बिस्कुट पर चिपकाई हो सकती है। उनके सभी प्रोडक्ट एफएसएसएआई से अप्रूव्ड होते है।

    शिकायतकर्ता के अधिवक्ता कैलाश चंद की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि जो बिस्कुट पेश किया है उसमें स्पष्ट दिखाई दे रही है कि बिस्कुट बनाते समय बिस्कुट बनाने की मशीन की डाई के साथ बिस्कुट पर आई हुई है, जो बाद में इस प्रकार से चिपकाई ही नहीं जा सकती। क्योंकि डाई के साथ चिपकने ओर बाद में चिपकाने में काफी अंतर स्पष्ट नजर आता है। साथ में यह भी कहा कि अगर ऐसा संभव हो सकता है तो बने हुए बिस्कुट पर बाद में इसी तरह मक्खी चिपका कर दिखाए। सभी पक्षों की जिरह पूर्ण होने के बाद जिला उपभोक्ता न्यायालय ने बिस्कुट निर्माता कंपनी को दोषी पाया।

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    इसके बाद कंपनी पर ढाई हजार रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही लिटिगेशन चार्ज अलग से देने और जब से शिकायत लगाई तब से लेकर शिकायत निपटारे होने तक के समय पर जुर्माने की राशि पर नौ प्रतिशत ब्याज भी देने के आदेश दिए।