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    बलिया के भाजपा नेता और शोरूम मैकेनिक की हत्या में साइबर ठगों के खेल का पर्दाफाश, सात और आरोपी गिरफ्तार

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 11:51 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के बलिया में भाजपा नेता अशोक कुमार की हत्या के मामले में पुलिस ने सात और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी साइबर फ्रॉड के लिए किराए पर खाते लेकर उन्हें इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से एटीएम कार्ड चेक बुक और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। जांच में पता चला है कि इन्होंने मृतक के खाते से भी पैसे निकाले थे।

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    भाजपा नेता व सहायक की हत्या में शामिल सात आरोपी गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, भिवाड़ी। उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले भाजपा नेता अशोक कुमार और उनके सहयोगी शोरूम मैकेनिक विकास सिंह की हत्या मामले में शाहजहांपुर थाना पुलिस ने सात और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

    इनकी पहचान झुंझुनू जिला के गांव मेघपुर के रहने वाले हिमांशु जांगिड़ व पचेरी गांव के रहने वाले पवन, कोटपूतली-बहरोड जिला के गांव रायसराना के रहने वाले चन्द्रप्रकाश, मनोज व जतिन, गांव सिलारपुर के रहने वाले रोहित यादव व उत्तरप्रदेश के ओरैया जिला के रूपपुर के रहने वाले शिशुपाल उर्फ शिवा के रूप में हुई है।

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    आरोपियों को पूछताछ के लिए कोर्ट से पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है। आरोपी 50 प्रतिशत कमीशन पर कार्य करते थे। भाजपा नेता व सहायक की हत्या से पूर्व आरोपियों ने सात लाख रुपये की नकदी इन्हीं बदमाशों के बैंक खातों में ट्रांसफर कराई थी।

    पुलिस ने इनके कब्जे से 40 एटीएम कार्ड, 12 चेक बुक, पांच बैंक पासबुक, नौ एंड्रयड मोबाइल फोन और एक थार गाड़ी जब्त की है। हत्या मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

    शाहजहांपुर के थाना प्रभारी मनोहरलाल मीणा ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त साइबर फ्राड के लिए किराये पर खाते लेकर उन्हें म्यूल अकाउंट की तरह इस्तेमाल करते थे।

    इन खातों पर पहले से ही 31 साइबर शिकायतें दर्ज पाई गईं हैं, जिनमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ है। प्रत्येक आरोपित पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

    आरोपियों ने मृतक अशोक सिंह के बैंक खातों की लेन-देन गतिविधियों की गहन जांच की। जांच में सामने आया कि 20 से 22 सितंबर के बीच आरोपियों ने ब्लिंकिट, सीबीडीसी यूपीआई और पीओएस माध्यमों से लगभग सात लाख रुपये की राशि की निकासी और ऑनलाइन खरीदारी की थी।

    सभी आरोपी गुरुग्राम और दिल्ली में रहकर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे। लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते और खातों की पासबुक, एटीएम व चेकबुक अपने पास रख लेते। इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी और फर्जी लेन-देन में होता था।

    थाना प्रभारी ने मनोहर लाल मीणा ने बताया कि इस मामले में एएसआई अमित कुमार, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, दयानन्द, सत्यवीर सिंह, साइबर सेल हेड कांस्टेबल संदीप कुमार सहित पुलिस टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांस्टेबल हरिओम और कांस्टेबल की सतर्कता से आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली।

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