रेवाड़ी में खत्म होगी ये बड़ी समस्या, 8 करोड़ रुपये में बनेगा अत्याधुनिक कचरा निस्तारण प्लांट
रेवाड़ी में कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान होने की उम्मीद है। गरीब नगर के पास 3.7 एकड़ जमीन पर अत्याधुनिक कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित किया जाएगा जिस पर 8.29 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्लांट में गीले कचरे से जैविक खाद और सूखे कचरे से रीसाइक्लिंग होगी। धारूहेड़ा में निस्तारण सुविधा न होने से रेवाड़ी और मानेसर पर निर्भर रहना पड़ता था।

सुनील चौहान, धारूहेड़ा (रेवाड़ी)। रेवाड़ी में कस्बे में लंबे समय से चली आ रही कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान होने की उम्मीद जग गई है। नगर पालिका की तरफ से गरीब नगर के पास करीब 3.7 एकड़ जमीन पर अत्याधुनिक कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित किया जाएगा।
इस परियोजना पर करीब आठ करोड़ 29 लाख रुपये की लागत आएगी। इसी प्लांट के पास करीब डेढ एकड़ क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
बता दें कि इस प्लांट के शुरू होने से कस्बे में बढ़ते कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा हो सकेगा। गीले कचरे से जैविक खाद तैयार की जाएगी जबकि सूखे कचरे को रिसाइक्लिंग और बिजली उत्पादन के काम में लाया जाएगा। अब तक धारूहेड़ा में निस्तारण सुविधा न होने से रेवाड़ी और मानेसर पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे कचरा परिवहन पर काफी खर्च आता था।
जानिए कैसे करेगा कचरा निस्तारण प्लांट कार्य
प्लांट में सबसे पहले घरेलू व औद्योगिक कचरे अलग अलग किया जाएगा। जिसके चलते गीला कचरा (खाद्य पदार्थ, सब्जियां, पत्तियां आदि) सूखा कचरा (प्लास्टिक, कागज, धातु, कांच आदि) खतरनाक कचरा (रसायन, मेडिकल वेस्ट आदि) शामिल हैं। गीले कचरे को कंपोस्टिंग मशीन में डालकर जैविक खाद तैयार की जाएगी। सूखे कचरे यानी धातु, कांच, प्लास्टिक और कागज जैसे कचरे को री-साइक्लिंग यूनिट में भेजा जाएगा। कुछ अपशिष्ट का रीयूज के लिए उपयोग में लाया जाएगा। जिससे सीमेंट उद्योग और बिजली उत्पादन संयंत्रों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। जो कचरा दोबारा उपयोग में नहीं आ सकता, उसका सुरक्षित व वैज्ञानिक तरीके से धरती में दबाया जाएगा, ताकि प्रदूषण न फैले।
300 टन तक रहेगी प्लांट की क्षमता
इस प्लांट की क्षमता 300 टन प्रति दिन तक होगी। इसमें से लगभग 45 से 50 फीसदी गीला कचरा खाद व गैस उत्पादन में, जबकि 30 से 35 सूखा कचरा री-साइक्लिंग में जाएगा। बचा हुआ करीब 12 से 15 फीसदी को सुरक्षित लैंडफिल में डाला जाएगा।
ग्रामीणों से मांगी गई आपत्तियां
गरीब नगर में प्लांट लगाने को लेकर राजपुरा और मालपुरा के ग्रामीणों से आपत्तियां मांगी गई हैं, लेकिन अब तक किसी प्रकार का विरोध सामने नहीं आया है। नगर पालिका का कहना है कि आपत्ति दर्ज न होने की स्थिति में जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा और कस्बे की सबसे बड़ी समस्या का स्थाई समाधान मिल जाएगा।
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कचरा निस्तारण प्लांट के लिए 3.7 एकड़ जगह तय की गई है। इसके लिए आमजन से सुझाव एवं आपत्तियां मांगी गई हैं। कचरे निस्तारण प्लांट बनने पर स्थायी समाधान हो जाएगा। करीब डेढ़ एकड़ में ग्रीन बेल्ट तथा बाकी जमीन में कचरा निस्तारण का कार्य किया जाएगा। प्लांट लगाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। - मोहित, सचिव नगरपालिका धारूहेड़ा
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