Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेवाड़ी में मिलावटी खाद का काला कारोबार, किसानों को डीएपी की ब्रांडेड पैकिंग में बेच रहे जैविक खाद

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 12:45 AM (IST)

    रेवाड़ी में मिलावटी खाद का काला कारोबार उजागर हुआ है। किसानों को डीएपी की ब्रांडेड पैकिंग में जैविक खाद बेचा जा रहा था। कृषि विभाग ने छापेमारी कर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है। नकली खाद बेचने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। विभाग ने खाद के नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

    Hero Image

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    प्रीतम सिंह, रेवाड़ी। जिले में जमीन की उर्वरा क्षमता बढ़ाने के नाम पर ब्रांडेड कंपनियों की पैकिंग में मिलावटी खाद बेचने वाला का गिरोह सक्रिय है, जो बिना लाइसेंस के औसतन बीस से तीस लाख रुपये का अवैध कारोबार कर रहा है। ऐसा कब से चल रहा है, इससे कृषि विभाग भी बेखबर है। दो किसानों की शिकायत के बाद तीन दिन पूर्व कृषि विभाग की टीम की ओर से खाद के सैंपल लेकर जांच तो नकली खाद बेचने का पर्दाफाश ह़ुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झांसा देकर डीएपी खाद बेच रहे

    जिले में एक लाख 20 हजार हेक्टेयर भूमि में 62 हजार किसान पंजीकृत किसान खेती करते है। करीब 10 हजार किसान ऐसे हैं, जो बिना पंजीयन के खेती करते हैं। ऐसे में किसानों को अलर्ट होने की जरूरत है, क्योंकि उनके पास भी कम दाम पर मिलावटी खाद बेचने वाले गिरोह का सदस्य पहुंच सकता है।

    बता दें कि सरसों व गेंहू की बिजाई से पूर्व किसानों डीएपी खाद की जरूरत होती है। सरसों की बिजाई हो चुकी है, लेकिन गेंहू की जा रही है। ऐसे में किसानों को डीएपी खाद के लिए चक्कर काटने पड रहे है।

    लाइनों के झंझट व सस्ते के चक्कर में किसानों काला बाजारी करने एवं नकली खाद बेचने वालों की बातों में फंस रहे है। जिले में बिना अनुमति के संचालित करीब 10 दुकानें है, जो गांवों में किसानों को झांसा देकर डीएपी खाद बेच रहे हैं।

    कट्टों में बेच रहे जैविक खाद

    तीन अक्टूबर को कृषि विभाग की कार्रवाई में सामने आया कि ब्रांडेड कंपनी के नाम से कट्टे छपवाकर उसमें जैविक या नकली खाद भरकर असली खाद के नाम पर किसानों को बेचा जा रहा है। किसानों की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई थी।

    इसके बाद अन्य किसान भी सामने आने लगे हैं। किसान न चाहकर भी नकली खाद को असली समझकर अपनी फसलों और खेतों पर धड़ल्ले से उपयोग कर चुके हैं। विभाग को इस बात की भी गहनता से जांच की जानी चाहिए कि नकली खाद तैयार कहां किया जा रहा है।

    दो दिन से शिकायत लेकर चक्कर काट रहा किसान

    गांव कालका के रहने वाले किसान बाबूलाल व जयप्रकाश नकली खाद की जांच कराने एवं विक्रेता के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले दो दिन पुलिस व कृषि विभाग के चक्कर काट रहा है। मगर उसकी शिकायत पर न तो पुलिस कार्रवाई कर रही है और न ही कृषि विभाग ध्यान दे रहा है। किसानों का कहना हैं कि 13 सौ रुपये से अधिक के रेट में डीएपी खाद के कट्टे खरीदे थे, लेकिन बाद में बिजाई के समय पता चला कि खाद नकली है। उसके बाद विक्रेता की जांच के लिए चक्कर काट रहे हैं।

    "किसानों की ओर से शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई की गई। जांच के बाद खाद नकली पाया गया। पुलिस को कार्रवाई के लिए लिखा गया है। आगे की जांच पुलिस करेगी। अगर किसी किसान को शक है कि उसे नकली खाद दिया गया है तो सामने आकर शिकायत देनी चाहिए। उनकी टीम तुरंत सेंपल लेकर जांच के कार्रवाई करेगी। किसानों के साथ धोखा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

    -ईश्वर सिंह जाखड़, गुण नियंत्रक निरीक्षक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग रेवाड़ी।

    यह भी पढ़ें- रेवाड़ी में मुआवजा मांग रहे किसानों की फसलें नहर टूटने से बर्बाद, पांच गांवों की सरसों-गेहूं की फसल तबाह