Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेवाड़ी में 10 दिन से AQI 300 पार, फिर भी नहीं जाग रहे जिम्मेदार; डीसी को दोबारा जारी करने पड़े आदेश

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 02:29 PM (IST)

    रेवाड़ी में पिछले 10 दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर है, लेकिन संबंधित अधिकारी अभी भी सक्रिय नहीं हैं। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए, उपायुक्त (डीसी) को पहले जारी किए गए आदेशों को फिर से जारी करना पड़ा है ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और स्थिति में सुधार लाया जा सके।

    Hero Image

    जगह-जगह पर धड़ल्ले से चल रहे हैं निर्माण कार्य

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। जिले में पिछले दस दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर 300 के पार चल रहा है, लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है। मजबूरन डीसी को पुन: ग्रेप के प्रतिबंधों का सख्ती पालन सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी करने पड़े। जहां जगह-जगह पर निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं जगह-जगह पर कचरा फेंकने के साथ ही सुलग भी रहा है तथा सड़क के किनारे व डिवाइडर के साथ पड़ी मिट्टी को भी साफ नहीं कराया जा रहा है। जिसके चलते लोगों को वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिल पा रही है। बुधवार को सुबह नौ बजे वायु प्रदूषण का स्तर 307 दर्ज किया गया।

    लगातार वायु की बेहद खराब गुणवत्ता के कारण लोगों की सांसों पर संकट छाया हुआ है। वहीं आंखों में जलन की समस्या भी बढ़ गई है, जिसके कारण नागरिक अस्पताल में सांस व आंखों में जलन से संबंधित बीमारी की ओपीडी भी बढ़ी है। हालांकि शाम चार बजे बाद एक्यूआइ का स्तर घटकर 298 पर पहुंच गया, लेकिन अभी राहत की संभावना नहीं है।

    बिना सूचना चल रहे निर्माण कार्य

    ग्रेप पाबंदियों के चलते 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों की पोर्टल पर आनलाइन सूचना देने के आदेश हैं, लेकिन इसके बावजूद न केवल जगह-जगह पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्माण के दौरान उत्पन्न मलबे को निर्धारित स्थल खुले में ही डाला जा रहा है। इसके अलावा खुले में कचरा फेंका जा रहा तथा उसको आग भी लगाई जा रही है।



    500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में होने वाले सभी निर्माण कार्यों का विवरण आनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जाना अनिवार्य है। निर्माण के दौरान उत्पन्न मलबे को निर्धारित स्थल पर ही डाला जाए। हमारी टीमें लगातार जांच कर रही हैं। अगर लापरवाही मिलती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।


    -

    -निपुण गुप्ता, क्षेत्रीय अधिकारी हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड