Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ई-टिक्टिंग मशीनों में UPI सुविधा न होने से सरकारी बसों में 'कैशलेस इंडिया' ठप, परेशान हो रहे यात्री

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:55 PM (IST)

    सरकारी बसों में ई-टिक्टिंग मशीनों में UPI सुविधा न होने से 'कैशलेस इंडिया' अभियान बाधित हो रहा है। यात्रियों को डिजिटल भुगतान करने में परेशानी हो रही है। डिजिटल पेमेंट की सुविधा न होने से यात्रियों को खुले पैसे की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी असुविधा हो रही है।

    Hero Image

    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    गोबिंद सिंह, रेवाड़ी। सरकार की तरफ से रोडवेज बसों में ई-टिक्टिंग मशीनें लागू होने से परिचालकों को टिकटों पर पंचिंग मारने से तो बेशक राहत मिली हैं, लेकिन करीब दो वर्ष पहले रोडवेज बसों में लागू की गई ई-टिक्टिंग मशीनों से आज तक ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा आरंभ नहीं हो पाई है। इसका खामियाजा परिचालकों को भुगतना पड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, सरकार की तरफ से भी कैशलेस को बढ़ावा दिया जा रहा है। चालकों की मानें तो बसों में 30 प्रतिशत से अधिक यात्री यूपीआई या एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट करते हैं, लेकिन ई-टिक्टिंग मशीनों में आनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं होने के चलते उन्हें मजबूरी में निजी यूपीआई पर पेमेंट लेनी पड़ रही है।

    अगर मना करते हैं तो यात्री झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। रेवाड़ी डिपो में वर्तमान में 150 ई-टिक्टिंग मशीनें हैं, जिनका विभिन्न रूटों पर परिचालक बसों में इस्तेमाल करते हैं।

    हैप्पी व एनसीएमसी कार्ड से ही बन रही है टिकट

    ई-टिक्टिंग मशीनों में फिलहाल यात्री परिचालक को नकद रुपये देकर टिकट बनावा सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी यात्री के पास हैप्पी कार्ड या एनसीएमसी कार्ड है तो उसी से टिकट बनेगी। इसके अलावा ई-टिक्टिंग मशीनों में किसी अन्य माध्यम से पेमेंट स्वीकार नहीं की जाती है। हैप्पी कार्ड केवल हरियाणा के उन जरूरतमंद परिवारों के पास हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। वहीं एनसीएमसी कार्ड भी एक से दो प्रतिशत लोगों के पास है, जिसमें यात्रियों को टिकट बनवाने पर पांच प्रतिशत की छूट मिलती है।

    यात्री करने लगते हैं झगड़ा

    "ई-टिक्टिंग मशीनों में यूपीआई या एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट की सुविधा नहीं है जबकि बसों में 30 प्रतिशत से अधिक यात्री इनके माध्यम से ही पेमेंट करते हैं। अगर परिचालक मना करते हैं तो यात्री झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। मजबूरी में परिचालकों को अपने निजी यूपीआई पर पेमेंट लेनी पड़ती है। सरकार को इन मशीनों में भी मेट्रो की तरह ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू करनी चाहिए।"

    -प्रवीन बालधन, प्रधान हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ

    अधिकारियों को कराया अवगत

    "फिलहाल ई-टिक्टिंग मशीनों में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं है। मशीनों के साॅफ्टवेयर में अपडेशन मुख्यालय से ही होना है। हमारे पास परिचालकों की समस्या आई थी। हमने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है।"

    -ईश्वर सिंह, ड्यूटी इंचार्ज रोडवेज

    यह भी पढ़ें- Rewari News: किराया पूरा और सफर मुश्किल भरा, अलीगढ़ रूट पर सिर्फ एक ही बस