Rohtak News: शहर में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ नगर निगम सख्त, 6 डेयरी संचालकों को सीलिंग नोटिस जारी
रोहतक नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गांधी नगर में छह डेयरी संचालकों को सीलिंग नोटिस जारी किए हैं। इन पर गोबर और पशु अपशिष्ट नालों में बहाने का आरोप है जिससे सीवर जाम हो रहे थे। निगम ने पहले भी डेयरी संचालकों को गोबर प्रबंधन के निर्देश दिए थे और अब उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, रोहतक। शहर की स्वच्छता व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नगर निगम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गांधी नगर क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान छह डेयरी संचालकों को सीलिंग नोटिस जारी किए हैं। इन डेयरी संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी डेयरियों का गोबर और पशु अपशिष्ट सीवर एवं नालों में बहा दिया, जिससे क्षेत्र में सीवर जाम और गंदगी की स्थिति उत्पन्न हो गई।
यह कार्रवाई निगम के स्वच्छता अभियान को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। निरीक्षण के दौरान निगम की टीम ने छह डेयरी संचालकों को दोषी पाया और उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई शुरू की गई। निगम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस प्रकार की गतिविधियां नगर निगम अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध हैं। यह न केवल सफाई व्यवस्था को बाधित करती हैं बल्कि पर्यावरण प्रदूषण का भी कारण बनती हैं।
पहले भी डेयरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए गए थे कि डेयरियों से निकलने वाले गोबर का उचित प्रबंधन किया जाए। सभी डेयरी संचालकों को अपनी-अपनी डेयरी में पिट (गड्ढा) बनाकर उसमें गोबर डालने और उसे चालू अवस्था में रखने के निर्देश दिए गए थे, ताकि सीवर और नालों में रुकावट की समस्या से बचा जा सके।
आयुक्त ने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि कोई डेयरी संचालक इस प्रकार की गलती करता पाया गया, तो उसके प्रतिष्ठान को स्थायी रूप से सील कर दिया जाएगा और उसकी पूरी जिम्मेदारी उसी की होगी। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की कि शहर को स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
डॉ. आनंद कुमार शर्मा, आयुक्त, नगर निगम ने बताया कि निगम प्रशासन शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए निरंतर अभियान चला रहा है। अक्सर देखने में आता है कि कई डेयरी संचालक गोबर को नालों और सीवर में बहा देते हैं, जिससे सीवर ओवरफ्लो, नाले जाम और दुर्गंध जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। इसका सीधा असर स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य और दैनिक जीवन पर पड़ता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।