Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ल्ड कप फाइनल से पहले पिता ने हर रोज तीन बार फोन किया, ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार घर पहुंची शेफाली का भव्य स्वागत

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 09:28 AM (IST)

    शेफाली वर्मा ने महिला विश्व कप 2025 में भारत की जीत को संघर्ष और परिवार के बलिदान का फल बताया। एक साल बाद टीम में वापसी करते हुए, उन्होंने अपने प्रदर् ...और पढ़ें

    Hero Image

    क्रिकेटर शेफाली वर्मा। जागरण

    जागरण संवाददाता, रोहतक। महिला विश्व कप 2025 में भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम योगदान देने वाली खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने कहा कि उनके लिए यह जीत केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि संघर्ष मेहनत और परिवार के बलिदान का परिणाम है। टीम से करीब एक साल बाहर रहने के बाद, प्रतिका रावल के चोटिल होने पर वर्ल्ड कप में अचानक उन्हें अंतिम समय में टीम में शामिल होने का मौका मिला और इसी मौके को उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से साबित भी किया। शेफाली वर्मा ने कहा कि पिछले एक वर्ष में उन्होंने फिटनेस से लेकर बैटिंग तक खुद पर बहुत मेहनत की और सिर्फ अपने गेम पर ध्यान दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भगवान ने उस मेहनत का परिणाम दिया और फिर से टीम इंडिया में खेलने का मौका मिला। शेफाली ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया है। उन्होंने बताया कि मैच से पहले पांच दिनों तक उनके पिता संजीव दिन में तीन बार फोन कर उन्हें प्रोत्साहित करते रहे। कि डोमेस्टिक में टाप स्कोर करने वाली खिलाड़ी को हार नहीं माननी चाहिए। तूने तो लड़कों के साथ खेला है। उनकी इन बातों से ओर अधिक प्रेरणा मिली और फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिला।

    खास बात यह है कि एक समय ऐसा था कि जब शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने शेफाली को अंडर 19 से पहले कुछ अच्छा करने के लिए चुनौती थी और बेटी ने इस चुनौती को स्वीकार कर उससे पहले ही इतिहास बना दिया था। शेफाली बताती है कि उन्हें क्रिकेट की शुरुआती दौर में पिता ने उन्हें अंडर-19 तक कुछ अच्छा करने का समय दिया था।

    उन्होंने कहा था कि इससे पहले कुछ कर सको तो ठीक है, वरना खेल बंद। इसके लिए वह खुद उन्होंने हर रोज दो घंटे प्रेक्टिस करवाते थे और हर दिन का टारगेट तय होता था। वहीं शेफाली अपनी मेहनत और जूनून के दम पर 15 साल की उम्र में भारतीय टीम में डेब्यू करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनी। इसके बाद परिवार को ओर अधिक विश्वास हुआ और फिर शेफाली ने कभी मुड़ कर नहीं देखा।

    आस्ट्रेलिया पर जीत से बढ़ा आत्मविश्वास

    शेफाली ने बताया कि सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया टीम को हराने के बाद पूरी टीम का आत्मविश्वास दोगुना हो गया था। क्योंकि टीम ने एक लाइन क्रास कर ली थी, जो पहले नहीं कर पाते थे। फाइनल से पहले टीम ने तय किया था कि 7 घंटे तक पूरी ताकत से खेलना है और हमने ऐसा ही किया।

    65838274

    फाइनल मैच में भी उन्होंने साउथ अफ्रीका को हल्के में नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में पहले से कुछ प्लान थे और उन्होंने उन्हें मैदान पर लागू भी किया। दिमाग शांत रखा, तभी टीम के लिए अच्छा योगदान दे पाई। उन्होंने कहा कि शतक न बनने का दुख नहीं है, क्योंकि वर्ल्ड कप जीतना सबसे बड़ी खुशी है।

    सचिन तेंदुलकर और पीएम मोदी से मिली प्रेरणा

    शेफाली ने बताया कि फाइनल मैच से पहले सचिन तेंदुलकर से मिलना हुआ है। जहां से उन्हें ओर अधिक प्रेरणा मिली। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिलकर भी उन्हें खास खुशी हुई। प्रधानमंत्री ने टीम के साथ करीब दो घंटे रहे। उनसे भी जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। 

    इस मौके पर शेफाली ने कहा कि महिला क्रिकेट की इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब देशभर में लड़कियों के लिए क्रिकेट एकेडमियां खुलने की उम्मीद है। यह महिला क्रिकेट के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। वहीं जो लड़कियां क्रिकेट में आगे बढ़ना चाहती है उनके लिए संदेश देते हुए कहा कि लड़कियों को अपने आप पर विश्वास रख कर मेहनत करते रहना चाहिए। क्योंकि मेहनत करने वालों को एक दिन हर मुकाम मिल ही जाता है।

    रोहतक पहुंचने पर विश्वकप विजेता का 30 किमी तक स्वागत

    विश्वकप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी शेफाली वर्मा का रोहतक पहुंचने पर स्वागत किया गया। प्रदेश सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने स्वागत किया। शेफाली का रोहतक पहुंचने पर पांच जगह भव्य स्वागत किया।

    वहीं, खिलाड़ी का ढोल नगाड़ों, आतिशबाजी और फूलों की बारिश के साथ स्वागत हुआ है। घर पहुंच शेफाली ने भी परिवार के साथ डांस कर खुशी मनाई है। शेफाली की मां परवीन बाला ने तिलक लगाकर बेटी का स्वागत किया। इस दौरान मां खुशी के आंसू नहीं रोक पाई है और बेटी का माथा चूम कर चैंपियन बनने की बधाई दी है।