Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इशिका की मौत के बाद दादी ने दूसरी पोती को कभी नहीं जाने दिया मामा के घर, साइको किलर पूनम से ऐसे बची जान

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 10:00 PM (IST)

    इशिका की मृत्यु के बाद, दादी ने अपनी दूसरी पोती को मामा के घर जाने से रोक दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि पूनम नाम की एक साइको किलर उसे नुकसान पहुंचा सक ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, गोहाना। तीन वर्ष पहले गांव भावड़ में मामा के घर इशिका की मौत से घबराई उसकी दादी प्रेमो ने उसके बाद अपनी दूसरी पोती ईशु को वहां कभी नहीं जाने दिया। प्रेमो को वहां जाने पर दूसरी पोती के साथ भी अनहोनी की चिंता सताने लगती थी। इशिका की बड़ी बहन ईशु जब कभी मामा के घर जाने की जिद करती तो दादी उसे मना कर देती थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मामा के घर न भेजने का निर्णय सही था...

    गांव भावड़ और पानीपत क्षेत्र में चार मासूम बच्चों की हत्याओं का एक सप्ताह पहले जब राजफाश हुआ और शातिर व साइको किलर पूनम का असली चेहरा सामने आया तो प्रेमो का शक सही साबित हुआ। प्रेमो को पहले दिन से ही अपनी पोती और पूनम के बेटे की मौत सामान्य घटना में मौत होने पर शंका थी, जिसके चलते वह ईशु का भावड़ नहीं जाने देती थी।प्रेमो को आज लग रहा है कि दूसरी पोती को मामा के घर न भेजने का उसका निर्णय सही था, नहीं तो उसके साथ कुछ भी हो सकता था।

    दो साल पहले हुई थी पोती की मौत

    गांव गंगाना की प्रेमो बताती हैं कि जनवरी 2023 में उसकी पुत्रवधू पिंकी छोटी बेटी इशिका को साथ लेकर मायके गांव भावड़ गई थी। वहां पर 12 जनवरी को उसकी 10 वर्ष की पोती इशिका और पिंकी के भाई नवीन के पौने तीन वर्ष के बेटे शुभम की घर में पानी स्टोरेज के टैंक में डूबने से मौत हो गई थी।

    प्रेमो सामान्य मौत न होने का था शक

    घटना का पता लगने पर प्रेमो और उसके स्वजन गांव भावड़ गए थे। तब प्रेमो ने उस पानी के टैंक को देखा था जहां पर हादसा हुआ था। वह देखते ही समझ गई थी कि यह सामान्य घटना नहीं हो सकती। उसके मन में सवाल उठा था कि जब नवीन के साथ लगते उसके चाचा पाल सिंह के मकान में कोई नहीं रहता तो, यहां दोनों बच्चे कैसे गए? उस समय नवीन की पत्नी पूनम ने सदमा लगने और बेहोश होने का नाटक किया तो वह भी सच्चाई समझ नहीं पाई। उसे भी शंकाओं के बीच दूसरे लोगों की तरह लगा कि कोई मां अपने खुद के बच्चे की जान कैसे ले सकती है?

    ...तब भावड़ की घटना का भी राज खुला

    प्रेमो भावड़ से वापस अपने घर आई तो हमेशा उसके मन में घटना को लेकर संशय रहता। इशिका की मौत के बाद उसकी बड़ी बहन ईशु ने भी कई बार मामा के घर जाने की जिद की, लेकिन प्रेमो ने उसे कभी नहीं जाने दिया। एक दिसंबर, 2025 को पानीपत के गांव नौल्था में शादी समारोह में जब पूनम ने अपने पति नवीन के चचेरे भाई की बेटी विधि की जान ली और पकड़ी गई तो गांव भावड़ की घटना का भी राज खुला।

    प्रेमाे को तीन साल पहले का शक सही साबित हुआ। उस समय उसका सीधा पूनम पर तो शक नहीं था, लेकिन घटना को सामान्य नहीं मान रही थी। पूनम ने अगस्त, 2025 में अपने मायके गांव सिवाह में भतीजी जिया की जान ली थी। उसने तीनों वारदातों में चारों बच्चों को पानी में डुबोकर मारा।

    काश बेटी को बुला लेता तो आज वह जिंदा होती: सतीश

    गांव गंगाना के सतीश आज बेटी इशिका से तीन वर्ष पूर्व हुई बातचीत को याद करते हुए अफसोस कर रहे हैं। सतीश बताते हैं कि 12 जनवरी 2023 को जब उसे इशिका की मौत की सूचना मिली तो ठीक एक घंटा पहले फोन पर उससे बातचीत हुई थी। तब पूनम ने ही अपने फोन से इशिका की उससे बातचीत कराई थी। इशिका ने कहा था, 'पापा मैं और मां पिंकी आज नहीं कल आएंगे।' जवाब में सतीश ने कह दिया था, 'ठीक है कल आ जाना।'

    पुरानी बात यादकर फफक पड़े सतीश

    वह बेटी और पत्नी को अगले दिन घर आने को आश्वस्त हो गया था। पुरानी बातों को याद करते हुए सतीश कहते हैं कि एक घंटे बाद ही सूचना मिली कि इशिका व पूनम के बेटे की टैंक में डूबने से मौत हो गई। अब सतीश सोच रहे हैं कि काश कि जब फोन पर बेटी से बातचीत हुई थी तभी उसे तुरंत घर बुला लेता तो वह आज जिंदा होती। यह कहते ही वह फफक पड़ते हैं। 

    यह भी पढ़ें- पहले भी कई हत्याएं कर चुकी है पूनम, लेडी साइको किलर की नई कहानी उजागर