10 बदमाशों का बनाया गैंग, फिर लूटा 8.5 kg सोना और... गुरुग्राम के इस मामले में खुले कई बड़े राज
सोनीपत पुलिस ने गुरुग्राम की मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में हुई डकैती के तीन आरोपियों को पकड़ा है। आरोपियों ने इंस्टाग्राम पर गैंग बनाकर गोहाना में डकैती की रिहर्सल की थी। वारदात में साढ़े आठ किलो सोना और साढ़े आठ लाख रुपये लूटे गए थे। पुलिस ने आरोपियों से कुछ गहने बरामद किए हैं जबकि मुख्य साजिशकर्ता अभी फरार है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। गुरुग्राम स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शीतला माता रोड स्थित शाखा में डकैती डालने वाले तीन बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें से दो गोहाना व एक करनाल का है। वारदात एक दिन की प्लानिंग से नहीं की गई, बल्कि इसकी साजिश कई दिनों तक रची गई।
आरोपियों ने इंस्टाग्राम पर गैंग बनाया और गोहाना में डकैती की कई बार रिहर्सल की। इस दौरान मास्टरमाइंड ने फोन से ही अपने सेकेंड मैन को सभी निर्देश दिए। डकैती के लिए ऐसे बदमाशों का चयन किया गया जो अधिक शातिर न हो। वारदात के दौरान शाखा से साढ़े आठ किलो सोना और साढ़े आठ लाख रुपये कैश लूटे गए थे।
आरोपियों में गोहना के बुसाना का सन्नी उर्फ सुनील, सिवानका का मोहन उर्फ मोना व करनाल के फुरलक गांव का राहुल शामिल हैं। सरगना ने 10 बदमाशों की तीन टीमें बनाई थी। जाे बदमाश पकड़े गए हैं वे एक ही टीम में थे और उन्होंने अंदर जाकर डकैती डाली थी। पुलिस ने गुरुवार को गोहाना से आरोपितों के पास से सोने के गहने बरामद किए हैं। बाकी गहने दूसरे साथियों के पास हैं, जिन्हें जल्द ही बरामद किया जाएगा।
गुरुग्राम के शीतला माता मंदिर रोड स्थिति मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में 16 अगस्त की शाम पांच हथियारबंद बदमाश आडिटर बनकर घुसे थे। लाकर रूम जब खोला गया तो बदमाश पिस्टल के बल पर यहां से साढ़े आठ किलो सोने के गहने और साढ़े आठ लाख रुपये की नकदी लूट ले गए थे। तीन बदमाशों ने पिस्टल के बट से कर्मचारियों व गार्ड के सिर पर प्रहार भी किया था।
वहीं, लूटपाट के बाद जब एक बदमाश गहनों से भरा बैग उठा रहा था तो उसके पास मौजूद पिस्टल से गोली चल गई थी। यह गोली उसे के हाथ में लगी थी। पुलिस जब इस मामले में आरोपितों तक पहुंची तो इसकी जानकारी मिली। भागने के दौरान सायरन बजने से गोली चलने की आवाज शायद उसमें दब गई, इसलिए कर्मचारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं थी।
जिसे गोली लगी उसका नाम मनीष है। गुरुग्राम पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया है। सूत्रों के अनुसार फिलहाल उसका इलाज गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में चल रहा है। इलाज के बाद उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने गोहना के बुसाना गांव के सन्नी उर्फ सुनील, सिवानका के मोहन उर्फ मोना और करनाल के फुरलक गांव के राहुल उर्फ बहरा को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इन तीनों को कोर्ट में पेश कर गहनों व कैश की बरामदगी और अन्य साथी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए रिमांड मांगा। कोर्ट ने तीनों आरोपितों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा।
पुलिस प्रवक्ता एएसआइ संदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। जल्द ही माल की बरामदगी और अन्य साथियों को पकड़ लिया जाएगा।
कारपोरेट कंपनी की तरह जिम्मेदारी बांटकर डाली डकैती
तीनों आरोपितों ने कारपोरेट कंपनी की तरह अलग-अलग जिम्मेदारियों बांटकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए तीनों आरोपितों ने मास्टरमाइंड का नाम मोनू बताया है। हालांकि, यह कितना सही है, यह तो मास्टरमाइंड के पकड़े जाने के बाद ही पता चलेगा, क्योंकि पूछताछ में पता चला कि कभी मास्टरमाइंड इन लोगों से मिला ही नहीं। उसने पर्दे के पीछे रहकर वारदात करवाई। शाखा में जो आरोपित सरदार की वेशभूषा में आया था, वह इस साजिश में दूसरा सूत्रधार है। अभी यह भी पुलिस पकड़ से दूर है।
वहीं, पूछताछ में पता चला कि मास्टरमाइंड ने कुछ महीने पहले 10 बदमाशों का गैंग बनाया था। इसमें तीन लोग रेकी करने वाले थे। चार ऊपर जाकर लूटपाट करने में शामिल रहे। दो ने निगरानी की थी। इन लोगों की मीटिंग कुछ दिन पहले गोहना में हुई थी। यहीं रिहर्सल की गई और साजिश रची गई।
डकैती के बाद कई हिस्सों में बांटे थे जेवर
पुलिस सूत्रों के अनुसार डकैती के बाद इन आरोपितों ने जेवर के कई हिस्से किए। डकैती के लिए मुख्य साजिशकर्ता ने 10 लोगों की तीन टीमें बनाई थीं जो आरोपित पकड़े गए हैं, वह सभी एक टीम में शामिल थे और डकैती डालने के लिए शाखा के अंदर गए थे। इन्होंने ही हथियार के बल पर लूटपाट की थी। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर गोहाना से इनके पास से सोने के कुछ पैकेट बरामद किए हैं। आरोपितों ने अपने साथियों के बारे में भी जानकारी दी है। बाकी जेवर उन साथियों के पास हो सकते हैं।
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क्राइम ब्रांच की एक टीम सोनीपत, करनाल, पानीपत व अन्य जिलों में अन्य बदमाशों की तलाश में छापेमारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार पूछताछ में यह भी पता चला कि मुख्य साजिशकर्ता ने इंस्टाग्राम पर एक अन्य साथी को जोड़ा था। यह आरोपित हॉलीवुड वेब सीरीज मनी हाइस्ट के बारे में पोस्ट करता रहता था। साजिशकर्ता ने कभी भी साथियों को अपने बारे में जानकारी नहीं दी। इस दूसरे व्यक्ति को ही मोहरा बनाया गया। इसने अपने जानकारों को इस टीम में शामिल किया। पुलिस प्रवक्ता एएसआइ संदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। जल्द ही माल की बरामदगी और अन्य साथियों को पकड़ लिया जाएगा।
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