मां की आंखों के सामने चला गया दो साल का लाडला... लिफ्ट का सेंसर था खराब, दरवाजे के बीच फंसने से टूट गई गर्दन
सोनीपत पुलिस लाइन में लिफ्ट हादसे में एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। बच्चा लिफ्ट में फंस गया था और ऊपर से नीचे गिरने के कारण उसकी गर्दन टूट गई। लिफ्ट का सेंसर खराब होने के कारण यह हादसा हुआ। पुलिस आयुक्त ममता सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। मां की आंखों के सामने ही पुलिस लाइन में लिफ्ट में फंसकर उसके दो वर्षीय बेटे की मौत हो गई। मां चाहकर भी बेटे को नहीं बचा पाई। सोमवार की देरशाम बच्चा खेल-खेल में साइकिल लेकर लिफ्ट के पास गया था।
वह साइकिल के साथ लिफ्ट में जाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान लिफ्ट का दरवाजा बंद होने लगा। उसकी गर्दन लिफ्ट के दरवाजे के बीच फंस गई। उसकी मां की नजर उस पर पड़ी तो उसने बचाने की कोशिश की, लेकिन लिफ्ट ऊपर की ओर जाने लगी।
बीच में बच्चा फंसे होने के कारण लिफ्ट ने कई बार झटके लिए, इसके बाद अचानक लिफ्ट नीचे गिर गई, जिससे बाहर लटक रहा बच्चे का शरीर फर्श पर तेजी से गिरा। उसके चलते कंधे और गर्दन की हड्डी टूट गई।
मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग उस ओर दौड़े और लिफ्ट का दरवाजा को खींचकर बच्चे को बाहर निकाला गया। हादसे में उसकी मौत हो गई।
गांव पांची की रहने वाली प्रियंका हरियाणा पुलिस में सिपाही हैं। करीब एक महीने पहले उनका कुरुक्षेत्र से सोनीपत तबादला हुआ था। वह पुलिस लाइन स्थित सी ब्लाॅक की तीसरी मंजिल पर बने क्वार्टर में दो वर्षीय बेटे युद्धवंश और पति अंकित के साथ रह रही थी।
सोमवार की देर रात उनका बेटा युद्धवंश साइकिल लेकर क्वाॅर्टर के बाहर खेल रहा था। प्रियंका भी आसपास ही थी। अचानक ही वह लिफ्ट की ओर साइकिल लेकर चला गया। उसे लिफ्ट की ओर जाता देखकर प्रियंका भी उसे वापस लाने के लिए जाने लगी।
इसी दौरान युद्धवंश साइकिल लेकर लिफ्ट में घुसने लगा। इसी दौरान लिफ्ट का दरवाजा बंद होने लगा। तभी बच्चे की गर्दन लिफ्ट के दोनों दरवाजों के बीच में फंस गई और वह लिफ्ट के साथ ऊपर उठने लगा। बच्चे के फंसे होने के चलते लिफ्ट में कई बार झटके लगे और वह ऊपर नहीं जा पाई।
अचानक ही लिफ्ट तेजी से नीचे की ओर आई और बच्चा धड़ाम से फर्श पर गिरा, जिसके चलते लिफ्ट में फंसी उसकी गर्दन और कंधे टूट गए। प्रियंका के शोर मचाने पर आसपास के लोग आए। उन्होंने दरवाजे को खींचकर बच्चे को बाहर निकाला। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया।
जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद पुलिस आयुक्त ममता सिंह भी मौके पर पहुंची और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। वहीं, मामले की उचित जांच का भरोसा भी दिलाया।
लिफ्ट का सेंसर था खराब, ठीक होता तो बच जाती जान
पुलिस लाइन में लगी लिफ्ट की मेंटेनेंस के लिए गुरुग्राम की एक एजेंसी को ठेका दे रखा है जिसे विभाग 1.06 लाख रुपये का भुगतान करता है। जिस लिफ्ट में हादसा हुआ है, उसका सेंसर महीने भर से खराब था जिसको लेकर पुलिस कर्मचारियों ने एजेंसी कर्मचारियों को अवगत भी करवाया था।
एजेंसी कर्मचारियों की ओर से जल्द ही सेंसर लगाने की बात कही गई थी। इस सेंसर के कारण लिफ्ट के बीच में किसी चीज के आ जाने से उसका दरवाजा बंद नहीं होता है। यदि सेंसर ठीक होता तो बच्चा उसके बीच में आने पर दरवाजा बंद ही नहीं होता। सेंसर ठीक होता तो बच्चे की जान बच जाती।
पुलिस लाइन में कदम-कदम पर खतरा
पुलिस लाइन में लिफ्ट हादसे के बाद यहां सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लिफ्ट ही नहीं, बल्कि अन्य व्यवस्थाएं की स्थिति भी ठीक नहीं है। पुलिस लाइन में कदम-कदम पर खतरा है। पुलिस लाइन में जगह-जगह सीवर के मैनहोल भी खुले पड़े हैं। वहीं, बिजली के तार भी खुले पड़े हैं।
तार इतने नीचे हैं कि बच्चों की पहुंच आसानी हो सकती है। वहीं, हादसे के बाद पुलिस आयुक्त ने लिफ्ट बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन लापरवाही हद है कि आदेश के बावजूद अन्य लिफ्ट चलाई जाती रही।
वहीं एक बिल्डिंग में एक दूसरी लिफ्ट करीब एक घंटे तक फंसी रही। गनीमत रही कि उस वक्त लिफ्ट के अंदर कोई नहीं था। हालांकि इस लिफ्ट में हादसा हुआ है अब उसे बंद कर दिया गया है। उस पर खराब होने का नोटिस भी चस्पा दिया गया है।
पुलिस लाइन की अव्यवस्थाओं की जांच करवाई जाएगी। लिफ्ट सहित अन्य व्यवस्थाओं की भी जांच करवा कर दुरुस्त करवाया जाएगा। इसको लेकर जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
- ममता सिंह, पुलिस आयुक्त
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