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    पानी विवाद पर मचा घमासान, हरियाणा-पंजाब बॉर्डर को बंद करेगी INLD; रोके जाएंगे पंजाब नंबर के सभी वाहन

    Updated: Wed, 21 May 2025 05:36 PM (IST)

    भाखड़ा बांध के पानी को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच विवाद बढ़ गया है। इनेलो ने 25 मई को पंजाब सीमा बंद करने की घोषणा की है क्योंकि हरियाणा को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है जिससे सिंचाई और पीने के पानी की समस्या हो रही है। इनेलो ने सरकार से शिक्षा में सुधार की भी मांग की है।

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    25 को सांकेतिक रूप से हरियाणा-पंजाब बार्डर को बंद करेगा इनेलो, पंजाब नंबर के सभी वाहन रोके जाएंगे

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भाखड़ा बांध से हरियाणा के हिस्से के पानी को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने 25 मई को सांकेतिक रूप से हरियाणा-पंजाब बार्डर को बंद करने की घोषणा की है। इस दौरान बार्डर पर पंजाब नंबर के सभी वाहन रोके जाएंगे। इसके बाद भी पंजाब सरकार ने अगर पूरा पानी नहीं दिया तो एक जून से बार्डर पर पक्के मोर्चे लगाए जाएंगे।

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    इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार सुबह राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उसके बाद जाट भवन में इनेलो की राष्ट्रीय एवं राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई। प्रदेश कार्यकारिणी ने एसवाईएल की लड़ाई फिर से शुरू करने सहित तीन प्रस्ताव पारित किए हैं।

    बैठक के बाद अभय सिंह चौटाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पंजाब सरकार कई दिनों से हरियाणा को नौ हजार की बजाय पांच हजार क्यूसिक पानी दे रही है, जिससे प्रदेश में न केवल सिंचाई, बल्कि लोगों और मवेशियों के लिए पीने का भी पानी नहीं हैं। सोमवार को पंजाब-हरियाणा बार्डर को सांकेतिक बंद किया जाएगा। अंबाला जोन में पंजाब के दो बार्डर प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा के नेतृत्व में बंद किए जाएंगे, जबकि सिरसा बार्डर पर विधायक आदित्य देवीलाल बार्डर बंद कराएंगे। नरवाना बार्डर को अभय चौटाला की अगुवाई में गुरुग्राम और जींद के कार्यकर्ता मिलकर बंद करेंगे।

    अभय चौटाला ने क्या कहा?

    अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पानी के मुद्दे पर भाजपा राजनीति कर रही है। हम भाखड़ा का नौ हजार क्यूसिक से एक क्यूसिक भी कम पानी नहीं लेंगे। पंजाब ने अगर फिर भी पानी नही दिया तो एक जून से पंजाब बार्डर पर पक्के मोर्चे लगाएंगे। हम कांग्रेस से भी आह्वान करते हैं कि पानी की इस लड़ाई में हमारे साथ शामिल हो। बैठक में शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जताते हुए कहा गया कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देने की बजाय सरकारी स्कूलों में एडमिशन बढ़ाने की व्यवस्था करें। शिक्षकों की भर्ती करे और हटाए गए अनुबंधित शिक्षकों को पुन: नियुक्ति देकर पक्की भर्ती करे।