यमुनानगर: अराईया में हाथियों का तांडव, कलेसर राष्ट्रीय उद्यान से आए हाथियों ने गन्ने की फसल रौंदी
अराईया वाला गांव में जंगली हाथियों के झुंड ने गन्ने की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। कलेसर राष्ट्रीय उद्यान से आए हाथियों ने कई एकड़ फसल रौंद दी, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथियों को जंगल में खदेड़ा। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे और सुरक्षा की मांग की है।

अराईया वाला गांव में जंगली हाथियों ने मचाया उत्पात (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, छछरौली। अराईया वाला गांव में बुधवार देर रात जंगली हाथियों के एक झुंड ने दर्जनों एकड़ में खड़ी गन्ने की फसल को रौंद डाला। रात के समय खेतों में कोई किसान मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि नहीं हुई। हाथियों के गांव की तरफ आते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई और सूचना मिलते ही वन विभाग की वन्यजीव प्राणी टीम मौके पर पहुंची।
टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर काफी प्रयासों के बाद हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा। हाथियों का यह झुंड कलेसर राष्ट्रीय उद्यान की दिशा से गांव में घुसा। कलेसर राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव विहार 25 हजार एकड़ में फैला हुआ है और इसके समीप उत्तराखंड का राजाजी नेशनल पार्क है।
कोचवाली क्षेत्र दोनों बड़े जंगलों को जोड़ता है और हाथियों की मूवमेंट लगातार इसी बेल्ट से होती रहती है। इसी प्राकृतिक मार्ग से भटककर यह झुंड अराईया वाला गांव तक पहुंच गया।
ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब ग्यारह बजे जंगल की ओर से पेड़ों के टूटने और भारी गर्जना जैसी आवाजें सुनाई देने लगीं। कुछ ही देर में हाथियों का झुंड गांव के किनारे बने बड़े गन्ने के खेतों में दाखिल हो गया।
हाथियों ने गन्ने की ऊंची और तैयार फसल को रौंदकर कई पंक्तियां मिट्टी में मिला दीं। किसानों ने बताया कि फसल कटाई का समय करीब था और इस बार बेहतर उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन हाथियों द्वारा किए गए नुकसान ने उनकी मेहनत और निवेश दोनों को खत्म कर दिया।
गांव निवासी राजकुमार, सतपाल और मोहन सहित कई किसानों ने बताया कि वे मौके पर पहुंचे लेकिन हाथियों का व्यवहार बेहद उग्र होने के कारण कोई पास नहीं जा पाया।
ग्रामीणों ने टार्च, डंडों और शोर के सहारे हाथियों को भगाने की कोशिश की, लेकिन वे करीब डेढ़ घंटे तक खेतों में ही बने रहे। इस दौरान फसल को रौंद दिया। हाथों की उग्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाथियों ने भारी भरकम पेड़ खेत की तार बाढ़ और मचान तक को रोंद डाला।
कलेसर और राजाजी पार्क के बीच हाथियों की नियमित मूवमेंट होती रहती है और भोजन की तलाश में वे गांवों की तरफ बढ़ जाते हैं। पिछले दिनों से यह झुंड कलेसर की दक्षिणी सीमा पर देखा जा रहा था और इसी दौरान दिशा भटकने से यह गांव पहुंच गया। आवाज और रोशनी की मदद से हाथियों को धीरे-धीरे जंगल की ओर मोड़ा।
किसान पप्पू राणा राजकुमार बलदेव नाजिम गुरनाम राजेश रजनीश चंद्रपाल का कहना है कि प्रति एकड़ गन्ना तैयार करने में काफी लागत आती है और इस घटना से गांव के कई किसानों पर आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। गांव के आसपास गश्त बढ़ानी चाहिए।
गांव के सरपंच सचिन राणा ने भी ग्रामीणों के भय को देखते हुए सुरक्षा उपाय बढ़ाने और चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती हाथियों की गतिविधि ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय है।
वन एवं वन्य जीव विहार कलेसर के निरीक्षक लीलू राम ने कहा किअराईया वाला गांव में गन्ने के खेतों में हाथियों के घुसने की सूचना मिली है। कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया है । फसलों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है। लगभग दो से तीन हाथियों का झुंड और रहता है किसानों से अपील है कि वह जंगली हाथियों के खेतों में घुसते ही विभाग को सूचित करें और शोर मचाकर उन्हें दूर भगाने का प्रयास करें।

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