बिलासपुर बस हादसा: चिता पर भी मां की गोद में गया आरव, एक साथ जली परिवार के चार सदस्यों की चिताएं तो हर आंख हुई नम
बिलासपुर में एक हृदयविदारक बस दुर्घटना में, एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई, जिसमें छोटा आरव भी शामिल था, जो अपनी मां की गोद में हमेशा के लिए सो गया. जब चारों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया, तो दृश्य देखकर हर आंख नम हो गई. पूरे गाँव में शोक की लहर है।

बिलासपुर हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों का अंतिम संस्कार करता परिवार व दो मासूमों का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, बरठीं (बिलासपुर)। हिमाचल प्रदेश जिला बिलासपुर के भल्लू में हुए सड़क हादसे ने सैनिक विपिन कुमार को आजीवन न भूल पाने वाले जख्म दिए हैं। इस दर्दनाक बस हादसे ने उसका सब कुछ ही उजाड़ दिया। फगोग गांव के विपिन की पत्नी अंजना, सात वर्षीय बेटा नक्ष, चार वर्षीय आरव और उनके भाई राजकुमार के पत्नी कमलेश का निधन हो गया है।
बुधवार दोपहर परिवार के सभी चार सदस्यों का अंतिम संस्कार एक साथ हुआ। अंतिम समय में भी चार वर्षीय आरव को मां की गोद नसीब हुई। आरव और उसकी मां अंजना को एक ही चिता में रखा गया। जबकि नक्ष और कमलेश की अलग-अलग चिताएं थीं। तीन चिताओं में चार लोगों का अंतिम संस्कार किया गया।
विपिन कुमार सेना में कार्यरत हैं और दिल्ली में तैनात है, जबकि राजकुमार सिरमौर में एक कंपनी में कार्यरत है। मंगलवार को कमलेश के मायके कैंची मोड़ में समारोह था। संयुक्त परिवार होने के कारण दोनों भाईयों के पत्नियां अपने बच्चों के साथ कमलेश के घर समारोह में शामिल होने के लिए गईं थी।
मायके में खुशियां मनाकर लौट रहे परिवार में एकाएक मातम छा गया है। विपिन कुमार के बच्चे और हमसफर तीनों ही छिन गए हैं, जबकि राजकुमार का हमसफर उसे जीवन के सफर में आधे रास्ते में छोड़कर चला गया है।
राजकुमार के बेटे ने दी सभी को मुखाग्नि
अत्येष्टि स्थल पर राजकुमार के बेटे शौर्य ने चारों को मुखाग्नि दी। आसपास के कई गांव परिवार को ढ़ाढंस बंधवाने पहुंचे थे। मुखाग्नि के समय विपिन यही बात बार-बार कहकर रोये जा रहा था कि बेटा मैंने तेरे लिए अलग से डबल बेड लाया है, बस एक बार तो उठकर देख लेता उसको।
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