दो दिन पहले ही गिरा था मलबा, फिर भी नहीं जागा कोई
-बरठीं बस हादसा दो दिन पहले ही गिरा था मलबा फिर भी नहीं चेताया कोई

दो दिन पहले ही गिरा था मलबा, फिर भी नहीं जागा कोई
-रेतीली पहाड़ी से पहले भी गिर चुका था मलबा, बिना चेतावनी बोर्ड के खुला रखा गया रास्ता
संवाद सहयोगी, जागरण, बिलासपुर : बिलासपुर जिला के बरठीं क्षेत्र में एक दुखद सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। भल्लू पुल के पास हुए इस हादसे में मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही एक निजी बस पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया, जिससे बस के परखचे उड़ गए। बस में करीब 25 यात्री सवार थे, जिनमें से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हैं। इस हादसे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पहाड़ी से दो दिन पहले भी मलबा गिरा था, लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब यह सवाल उठ रहा है कि अगर पहले से खतरे के संकेत मिल चुके थे, तो उन्हें नजरअंदाज क्यों किया गया?
स्थानीय लोगों की मानें तो यह पहाड़ी पहले से ही रेतीली और कमजोर थी। यह इलाका बरसात में और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है क्योंकि मिट्टी व छोटे-छोटे पत्थर नीचे खिसकने लगते हैं। दो दिन पहले गिरे मलबे को प्रशासन ने हटवा दिया था लेकिन इसके बाद वहां कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया, न ही उस मार्ग को बंद किया गया। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने खतरे को नजरअंदाज किया और यह लापरवाही अब जानलेवा साबित हुई है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस पहाड़ी क्षेत्र में चोरी-छिपे माइनिंग भी होती रही है। हालांकि इस बारे में कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन लोगों का दावा है कि रात के समय भारी मशीनों की आवाजें और ट्रैक्टर-ट्रालियों की आवाजाही सुनाई जाती रही है। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कदम उठाए होते, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
यह उठ रहे सवाल
-दो दिन पहले मलबा गिरने के बाद क्यों कोई साइन बोर्ड नहीं लगाया गया।
-किसी भी तरह की चालकों को चेतावनी नहीं दी गई।
-न ही कोई अस्थायी ट्रैफिक कंट्रोल किया गया।
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