हिमाचल: बोर्ड परीक्षा में आंसरशीट से छेड़छाड़, पेपर पर किसी ने लिख दिए गलत उत्तर; फॉरेंसिक जांच में खुलेंगे सभी राज
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। झंडूता स्कूल में हुई दसवीं कक्षा की ड्राइंग की परीक्षा में छात्राओं ने उत्तरों में बदलाव का आरोप लगाया है। बोर्ड ने छात्राओं के लिखावट के नमूने लिए हैं और फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है। जांच में लिफाफे से छेड़छाड़ और यूनिक आईडी में भिन्नता पाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में आंशरशीट से छेड़छाड़ की फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में छेड़छाड़ के मामले में फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झंडूता में मार्च 2025 में हुई दसवीं कक्षा की ड्राइंग विषय की उतर पुस्तिका से छेड़छाड़ हुई थी। बोर्ड ने पीड़ित छात्राओं के हैंड राइटिंग सैंपल लिए हैं।
जानकारी के मुताबिक इस मामले की शिकायतकर्ता एवं राजकीय उच्च पाठशाला ज्योरा की सभी 11 छात्राओं को शनिवार बोर्ड कार्यालय में बुलाया गया था। दो छात्राएं किसी कारणवश नहीं जा पाईं, लेकिन अंजलि, शालिनी और निशा समेत नौ छात्राएं अपने स्वजनों के साथ शिक्षा बोर्ड कार्यालय धर्मशाला पहुंची थी।
छात्राओं से लिखवाई गईं पांच-पांच लाइनें
बोर्ड ने इन बच्चों के सैंपल लेने के लिए कार्यालय में तैनात कमलकांत को लगाया था। यहां छात्राओं से अलग-अलग विषय पर पांच-पांच लाइनें लिखवाई गई हैं।
उनके लिखे उत्तर काटकर लिख दिए थे गलत उत्तर
छात्राओं का आरोप है कि उत्तरपुस्तिका कलेक्शन सेंटर में उनके द्वारा लिखे गए उतर काटकर किसी ने गलत उत्तर लिख दिए थे। उत्तर पुस्तिका में जहां-जहां शब्द काट कर लिखे गए हैं उस हैंडराइटिंग का मिन अभी छात्रों से लिए गए सैंपलों के साथ किया जाएगा। हालांकि बोर्ड ने पिछले माह भी कुछ छात्राओं के सैंपल लिए थे।
उत्तरपुस्तिका सील करने वाले लिफाफे में लगे नंबर के साथ छेड़छाड़ हुई
फारेंसिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट के बाद आगामी कार्रवाई होगी। शिक्षा बोर्ड की ओर से शुरू की गई फॉरेंसिक जांच से झंडूता स्कूल में बने कलेक्शन सेंटर के स्टाफ की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका कारण यह है कि जब इस मामले की प्राथमिक शिकायत की गई थी और शिक्षा बोर्ड ने प्रारंभिक तौर पर इसकी जांच की थी तो पाया गया था कि उत्तर पुस्तिका सील करने वाले लिफाफे में लगे नंबर के साथ छेड़छाड़ हुई है।
यूनिक आइडी में पाई गई थी भिन्नता
हर परीक्षा केंद्र में उत्तर पुस्तिकाओं को सील करने के लिए बोर्ड की ओर से टेंपर प्रूफ एवल्प भेजा जाता है। उस एवल्प में उतर पुस्तिकाएं लगाई जाती हैं और बाहर एक यूनिक आइडी नंबर लगाया जाता है। जब बोर्ड ने जांच की तो स्पष्ट हुआ कि अगर उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ हुई है तो वह केंद्र स्तर पर ही हुई है, क्योंकि बोर्ड का यूनिक आइडी नंबर व लिफाफे में लगा नंबर अलग-अलग हैं।
यह था मामला
शिक्षा बोर्ड ने वार्षिक परीक्षाओं के लिए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झंडूता को केंद्र व कलेक्शन सेंटर बनाया था। झंडूता के तहत राजकीय उच्च पाठशाला ज्योरा के विद्यार्थियों ने झंडूता स्कूल में परीक्षाएं दीं। जब उनका परिणाम आया तो ज्योरा स्कूल की छात्राओं के ड्राइंग को छोड़कर अन्य सभी विषयों में उनके 90 से अधिक अंक थे, जबकि ड्राइंग में 70 से 72 के बीच अंक थे। परिणाम से असंतुष्ट होने के कारण उन्होंने पुनर्निरीक्षण के लिए आवेदन किया, जिसमें भी उनका एक ही अंक बढ़ा।
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इसके बाद उन्होंने आरटीआइ से उत्तर पुस्तिका मांगी, प्रतिलिपि आने पर उन्हें पता चला कि उनकी उत्तर पुस्तिका से छेड़छाड़ हुई है। उनके स्कूल के 11 विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ की गई है।
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उत्तरपुस्तिका से छेड़छाड़ मामले की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है और छात्राओं की हैंडराइटिंग के सैंपल भी लिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. विशाल शर्मा, सचिव, स्कूल शिक्षा बोर्ड।

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