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    Himachal Disaster: चंबा में बहाली की जंग जारी, अब तक 52 सड़कें खुलीं और 53 ट्रांसफार्मर हुए दुरुस्त

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 12:05 PM (IST)

    चंबा जिले में आपदा के बाद जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। सड़कें और राजमार्ग खुल रहे हैं जिससे राहत सामग्री की आपूर्ति सुचारू हो रही है। बिजली और पानी की व्यवस्था को बहाल करने के प्रयास जारी हैं हालांकि अभी भी कई योजनाएं बंद हैं। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर जिले को सामान्य स्थिति में लाने के लिए काम कर रहे हैं।

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    चंबा में बहाली की जंग : 52 सड़कें खुलीं, 53 ट्रांसफार्मर दुरुस्त, सिर्फ 4 जल योजनाएं चालू (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंबा। भीषण आपदा के बाद चंबा जिला की जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है।

    पहाड़ों पर टूटे पहाड़, बहते नाले और खिसके मलबे ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोगों की अथक मेहनत से हालात सुधरने लगे हैं। राहत और पुनर्बहाली के कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है और प्रभावित क्षेत्र फिर से सामान्य होने की कोशिश कर रहे हैं।

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    भारी बारिश और भूस्खलनों से जिले भर में 94 सड़कें अवरुद्ध हो गई थीं। इनमें से 52 सड़कों को बहाल कर दिया गया है। सबसे राहत की बात यह है कि चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से खुला है, जिससे जिला मुख्यालय से अन्य शहरों का संपर्क बहाल हो गया है।

    चंबा-भरमौर मार्ग आशिंक रूप से खुला

    वहीं, चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग आंशिक रूप से खुल गया है और हल्के वाहनों को लूणा तक जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि चंबा–होली मार्ग और चंबा-पांगी (सचे जोत) मार्ग अब भी बंद हैं, लेकिन बहाली कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सड़कों के खुलने से न सिर्फ आमजन को राहत मिली है बल्कि राहत सामग्री और जरूरी सामान की सप्लाई भी अब सुचारू हो रही है। वहीं जिले में 105 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए थे।

    इनमें से 53 को बहाल कर दिया गया है और शेष 52 ट्रांसफार्मरों की मरम्मत का काम जारी है। भरमौर और चंबा उपमंडल सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं। कई गांवों में अंधेरा जरूर है, लेकिन विभागीय टीमें दिन-रात मेहनत करके रोशनी लौटाने में जुटी हुई हैं। भारी बारिश के कारण जिले की 34 पेयजल योजनाएं आपदा से प्रभावित हुई थीं।

    30 योजनाएं अभी भी बंद

    इनमें से फिलहाल सिर्फ चार योजनाएं ही बहाल हो पाई हैं, जबकि 30 योजनाएं अभी भी बंद हैं। इससे लोगों को पेयजल की दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। खासकर भरमौर और चंबा उपमंडल में हालात अधिक गंभीर हैं। प्रशासन ने अस्थायी टैंकरों और वैकल्पिक स्रोतों के माध्यम से जल आपूर्ति शुरू की है ताकि लोगों को राहत दी जा सके।

    सोमवार को जिले के सभी उपमंडल चंबा, डलहौज़ी, तीसा, सलूणी, भरमौर, पांगी और भटियात में मौसम आंशिक रूप से बादलों से घिरा रहा। तेज बारिश थमने से राहत कार्यों को गति मिली है। सड़क बहाली, बिजली और पानी की मरम्मत का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

    बहरहाल चंबा जिला अभी भी आपदा के जख्मों से पूरी तरह नहीं उबरा है, लेकिन उम्मीद की किरण साफ दिखने लगी है। सड़कें खुल रही हैं, बिजली बहाल हो रही है और पानी की आपूर्ति धीरे-धीरे सुधर रही है। प्रशासन और जनता मिलकर फिर से चंबा को सामान्य जीवन की ओर ले जाने में जुट गए हैं।

    आपदा ने चंबा को गहरी चोट दी है, लेकिन हालात अब पटरी पर लौट रहे हैं। सड़क, बिजली और पानी की बहाली युद्धस्तर पर जारी है। जनता का धैर्य और सहयोग सराहनीय है। जल्द ही जिले में पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल कर दी जाएगी।- मुकेश रेप्सवाल, उपायुक्त चंबा