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    हिमाचल में बाढ़ का कहर, कांगड़ा में जलस्तर बढ़ने से सड़कें बंद; जनजीवन अस्त-व्यस्त

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 09:05 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में मौसम साफ़ होने पर भी मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। कांगड़ा जिले में पोंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है जिससे फतेहपुर और इंदौरा में बाढ़ जैसे हालात हैं। अरनी विश्वविद्यालय में पानी भरने से 427 विद्यार्थी फंसे थे जिन्हें एनडीआरएफ ने बचाया। सोलन में भारी वर्षा से एक स्कूल ध्वस्त हो गया है।

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    पौंग बांध से ब्यास नदी में पानी छोड़ने के बाद घर में हुआ जलभराव

    जागरण टीम, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में बुधवार को मौसम साफ रहने के बावजूद लोगों की दुष्वारियां कम नहीं हो रहीं। कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से तीन फीट ऊंचा पहुंच चुका है। पौंग बांध से ब्यास नदी में छोड़े जा रहे पानी के कारण फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।

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    मंगलवार रात ब्यास के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से अरनी विश्वविद्यालय इंदौरा परिसर में पानी भर गया था और 427 विद्यार्थी व स्टाफ सदस्य फंस गए थे। इस बाबत सूचना मिलते ही एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने एनडीआरएफ की टीम भेजी और सभी को सुरक्षित निकाला। बुधवार को एनडीआरएफ के जवानों ने पानी में फंसे 41 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

    सोलन जिले के दून विधानसभा क्षेत्र की राजकीय प्राथमिक पाठशाला शेरला का भवन भारी वर्षा व जमीन धंसने से ध्वस्त हो गया। कसौली के अंतर्गत गढ़खल-गुनाई वाया मध्याना सड़क गोड़ती के पास भूस्खलन से 100 मीटर गहरी खाई बन गई और सड़क धंसने का खतरा बना है।

    सिरमौर जिले की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाड़थल मधाना के भवन से सात फीट दूर जमीन धंस गई है। इससे भवन गिरने का खतरा है। शिमला जिले में सड़कें बाधित होने से सब्जी मंडी में फूलगोभी और मटर की फसल नहीं पहुंची। प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 582 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में एनएच-305 और मंडी में एनएच-तीन बंद हैं। प्रदेश में 1155 ट्रांसफार्मर व 346 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।