सज गए मां के दरबार, आज से होगी जय-जयकार... कांगड़ा के तीनों शक्तिधामों के खुले कपाट, मंदिरों में होगा सबसे बड़ा आयोजन
कांगड़ा जिले के शक्तिधामों (श्री चामुंडा श्री बज्रेश्वरी श्री ज्वालामुखी) के कपाट सावन अष्टमी मेलों के लिए खुलेंगे। नारियल चढ़ाने व हथियार ले जाने पर रोक रहेगी। स्वास्थ्य जांच हेतु डिस्पेंसरी खुली रहेंगी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। चिंतपूर्णी मंदिर 23 घंटे खुला रहेगा दर्शन पर्ची के बिना होंगे। श्रीनयनादेवी मंदिर के कपाट 22 घंटे खुले रहेंगे सुरक्षा के लिए 700 जवान तैनात हैं।

जागरण संवाददाता, धर्मशाला। सावन अष्टमी मेलों के लिए कांगड़ा जिले के तीनों शक्तिधामों श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम, श्री बज्रेश्वरी देवी और श्री ज्वालामुखी मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह पांच बजे से खुलेंगे। मेलों के दौरान नारियल चढ़ाने के अलावा हथियार लेकर मंदिरों के भीतर जाने पर पाबंदी रहेगी।
श्री चामुंडा मंदिर अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी व बड़ोई अस्पताल को 24 घंटे खुला रखा जाएगा। श्री ज्वालामुखी मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मचारी नियुक्त किए हैं। श्री बज्रेश्वरी मंदिर में 25 अतिरिक्त होमगार्ड तैनात किए हैं। कांगड़ा बाईपास पर श्रद्धालुओं के लिए सहायता कक्ष की व्यवस्था की है। भक्तों के लिए तीन समय लंगर की व्यवस्था की गई है।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां चिंतपूर्णी के दरबार में वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन सावन अष्टमी मेला शुक्रवार से आरंभ हो रहा है, जो तीन अगस्त तक चलेगा। इस मेले के दौरान मंदिर 23 घंटे खुला रहेगा।
रात को एक घंटे के लिए मंदिर के कपाट परिसर की सफाई के लिए बंद रखे जाएंगे। मां के दर्शन पर्ची के बिना ही होंगे। मेले के उपलक्ष्य पर मां दरबार को रंग-बिरंगे सुंदर फूलों से सजाया गया है।
श्रीनयनादेवी में श्रावण अष्टमी मेलों को लेकर तैयारी पूरी है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के कपाट केवल दो घंटे रात 12 से बजे लेकर दो बजे तक बंद रहेंगे जबकि 22 घंटे श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। प्रशासन की ओर से सात सौ जवानों को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। जो चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं।
अभी तक श्रीनयनादेवी में 18 में से आठ सेक्टर मेजिस्टेट ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। प्रमुख स्थानों पर 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। श्रद्धालुओं के लिए छह स्थायी और छह अस्थायी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना भी गई है। घंवाडल में पार्किंग बनाई गई है। वहीं, बस स्टैंड पर एक समय में केवल तीन बसें ही खड़ी रहने की व्यवस्था की गई है।
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