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    Khushwant Singh Litfest: नेताओं ने सीमा बनाईं पर विभाजन पूरा नहीं : गीतांजलि श्री

    By manmohan vashishtEdited By: Virender Kumar
    Updated: Mon, 17 Oct 2022 07:39 AM (IST)

    Khushwant Singh Litfest बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री ने कहा कि नेताओं ने देश का बंटवारा करके सीमाएं तो बना दीं लेकिन विभाजन पूरा नहीं हुआ है। हम में से आधे उधर के हैं और आधे इधर के हैं। मेरा ही नहीं अनेक लोगों व लेखकों का भी मानना है।

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    Khushwant Singh Litfest: नेताओं ने सीमा बनाईं पर विभाजन पूरा नहीं : गीतांजलि श्री। जागरण

    सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। Khushwant Singh Litfest, बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री ने कहा कि नेताओं ने देश का बंटवारा करके सीमाएं तो बना दीं, लेकिन विभाजन पूरा नहीं हुआ है। हम में से आधे उधर के हैं और आधे इधर के हैं। मेरा ही नहीं यह अनेक लोगों व लेखकों का भी मानना है। राजनीति की वजह से दोनों देशों के बीच सीमाएं तो बना दी गईं, लेकिन क्या लोगों ने उसको स्वीकार किया है। खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में रविवार को उनके उपन्यास 'रेत समाधि' पर चर्चा हुई। गीतांजलि श्री के साथ मकरंद परांजपे ने संवाद किया। परांजपे ने कहा कि खुशवंत सिंह ने भी अपनी किताब ट्रेन टू पाकिस्तान में यह दिखाने की कोशिश है कि दिलों का बंटवारा नहीं हुआ। गीतांजलि श्री ने कहा कि वह निपुण अंग्रेजी लेखक नहीं हैं। हालांकि, इतना जरूर है कि हमने अंग्रेजी को पढ़ने तक सीख लिया। अभी अंग्रेजी में नहीं लिख रही हूं। हां अगर कुछ होगा, तो अंग्रेजी में लिखने की कोशिश करूंगी।

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    कसौली क्लब में तीन दिन से चल रहे 11वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में यही अंतिम सत्र था। लिटफेस्ट में 47 साहित्यकारों ने 24 सत्रों में चर्चा की। दो वर्ष बाद फिर कसौली में हुए लिटफेस्ट में आयोजकों व साहित्यकारों में उत्साह देखने को मिला। खुशवंत सिंह के बेटे व लिटफेस्ट के आयोजक राहुल सिंह ने सभी का आभार जताया।

    हर क्षेत्र में रिजेक्शन होती है : दिव्या दत्ता

    इससे पहले अपनी किताब 'द स्टार्स इन द स्काई' के सत्र में अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने बालीवुड में यात्रा पर चर्चा की। उनके साथ वार्ताकार के रूप में अभिनेता अनूप सोनी मौजूद रहे। दिव्या दत्ता ने कहा कि यात्रा के दौरान जिन-जिन दिग्गज कलाकारों व निर्माताओं के साथ संस्मरण रहे हैं, उनका जिक्र किताब में किया है। दिव्या दत्ता ने कहा कि हर क्षेत्र में रिजेक्शन होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप करना छोड़ दें। मैंने अपनी किताब की लांचिंग के समय अमिताभ बच्चन को भी मोबाइल फोन पर मैसेज भेजा और सारा दिन देखती रही कि उत्तर आया कि नहीं। शाम को जब उनका मैसेज आया कि कब और कहां आना है, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।