Himachal Election 2022: प्रतिभा व सुक्खू के जिम्मे प्रचार, डैमेज कंट्रोल में जुटे कांग्रेस के ये नेता, 11 बागी
Himachal Election 2022 सत्ता में वापसी के लिए प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। कांग्रेस पार्टी ने बागियों को मनाने का जिम्मा पहले प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व प्रचार समिति अध्यक्ष सुक्खू को सौंपा था। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल ने खुद भी मोर्चा संभाल लिया है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Election 2022, सत्ता में वापसी के लिए प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। कांग्रेस पार्टी ने बागियों को मनाने का जिम्मा पहले प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपा था। अब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल ने खुद भी मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार देर रात शिमला पहुंचे राजीव शुक्ल ने वीरवार सुबह से ही पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे नेताओं से फोन पर बात की। दोपहर 12 बजे तक वह होटल सीसल में ही रहे। उनके साथ प्रदेश के कुछ नेताओं के साथ सह प्रभारी गुरकीत कोटली भी रहे। सभी से बात की व चुनावी फीडबैक लिया।
प्रदेश में तीन सह प्रभारी संजय दत्त, तजेंद्र पाल सिंह बिट्टू और गुरकीत कोटली को भी मनाने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा पार्टी की ओर से जिलों में तैनात किए गए आब्जर्वर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी इस काम को अमलीजामा पहनाएंगे। आब्जर्वर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पार्टी से विद्रोह कर चुनावी मैदान में उतरे नेताओं के घर जाएंगे और उनसे बात करेंगे। पार्टी का दावा है कि सभी सीटों पर सहमति बन गई है। पार्टी के इस दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता 29 को नामांकन पत्र वापिस लेने के दिन ही लगेगा।
11 सीटों पर हैं कांग्रेस के बागी
कांग्रेस को प्रदेश की 11 सीटों पर अपनों से चुनौती मिल रही हैं। यानी 11 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के टिकट ना मिलने से नाराज नेता विद्रोह कर आज़ाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका स्व. वीरभद्र सिंह के गृह क्षेत्र रामपुर में माना जा रहा है। यहां पर कांग्रेस पार्षद विशेषर लाल बागी हो गए हैं।
चौपाल में मंगलेट उठा चुके हैं सर्वे पर सवाल
शिमला जिला के चौपाल से कांग्रेस के 2 बार के विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट भी बागी हो गए हैं। उनके मानने की भी कम ही संभावनाएं हैं। कांग्रेस प्रत्याशी रजनीश किमटा है, जिनसे उनका 36 का आंकड़ा है। पार्टी प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सर्वे को फर्जी बता चुके हैं ऐसे में वह मानेंगे इसकी संभावना कम लग रही है। कांगड़ा जिला के सुलह विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक जगजीवन पाल पार्टी से बागी हो गए हैं। इन्होंने भी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी जगदीश सिपहिया के खिलाफ नामांकन भरकर चुनावी ताल ठोक दी है।
ठियोग में कांग्रेस के दो-दो बागी
प्रदेश की सबसे हाट सीट बन रही ठियोग में भी बगावत कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है। यहां विजय पाल खाची और इंदू वर्मा दोनों नेताओं ने निर्दलीय नामिनेशन फाइल किए हैं। हालांकि इंदू वर्मा 2 माह पहले ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं, लेकिन विजय पाल खाची का बागी होना कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप राठौर के लिए ज्यादा मुश्किलें पैदा कर सकता है।
अर्की में वीरभद्र के करीबी राजेंद्र बढ़ा रहे मुश्किल
अर्की सीट पर राजेंद्र ठाकुर ने निर्दलीय नामांकन भरा है। राजेंद्र ठाकुर हालांकि अब कांग्रेस के सदस्य नहीं रहे लेकिन पूर्व में वह वीरभद्र सिंह के काफी करीबी माने जाते थे। उपचुनाव में उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे जिसके बाद उनकी सदस्यता को रद कर दिया गया था। राजेंद्र के चुनाव लड़ने से ब्लॉक कांग्रेस का वोट भी बंट सकता है। पच्छाद में कांग्रेस ने दयाल प्यारी को टिकट दिया है। पूर्व विधायक गंगू राम मुसाफिर का टिकट कटने के बाद अब बागी हो गए हैं। मुसाफिर नहीं माने तो पार्टी को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप भी बागी हुए
चिंतपूर्णी में कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप कुमार का टिकट काटकर सुदर्शन सिंह बबलू को उम्मीदवार बनाया है। टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार बागी हो गए हैं।
बिलासपुर में पूर्व विधायक भी बागी
बिलासपुर सदर से पूर्व विधायक तिलकराज ने भी निर्दलीय नामांकन पत्र भरा है। झंडूता में कांग्रेस ने युवा चेहरे विवेक कुमार को टिकट दिया है। यहां भी टिकट नहीं मिलने पर बीरू राम पार्टी से बागी हो गए हैं।
आनी में परसराम के कारण मुश्किल में पड़ सकती कांग्रेस
कुल्लू जिला की आनी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने होली लॉज के करीबी बंसी लाल को टिकट दिया है। इससे नाराज परसराम ने निर्दलीय नामांकन भरकर चुनौती दे डाली है। अंत समय तक बंसी लाल का टिकट बदलने की उम्मीद की जा रही थी, क्योंकि परसराम जमीन से जुड़े और धरातल से उठे हुए नेता हैं।

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