केंद्रीय विवि के जदरांगल परिसर की याचिका पर जुर्माना लगाने का शांता ने किया स्वागत, सुक्खू सरकार को दी सलाह
Himachal Pradesh Central University पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया जिसमें केंद्रीय विश्वविद्य ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, पालमपुर। Himachal Pradesh Central University, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसमें धर्मशाला निवासी अतुल भारद्वाज की याचिका पर राज्य सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
यह मामला धर्मशाला के केंद्रीय विश्वविद्यालय के जदरांगल परिसर से जुड़ा है, इसके लिए प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ रुपये अब तक जमा नहीं करवाए हैं। हाई कोर्ट ने तीन बार समय देने के बावजूद सरकार से इस संबंध में जवाब न मिलने पर यह जुर्माना लगाया और स्पष्ट कर दिया कि अगली सुनवाई पर सरकार को उपस्थित होना ही पड़ेगा।
पूरे देश में नहीं होगा ऐसा उदाहरण
शांता कुमार ने इस पर कड़ा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे देश में ऐसा उदाहरण कहीं और नहीं मिलेगा, जहां केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए केंद्रीय विश्वविद्यालय का भवन प्रदेश सरकार 12 वर्षों बाद भी तैयार न कर पाई हो। उन्होंने कहा कि यह स्थिति हिमाचल जैसे राज्य के लिए बेहद शर्मनाक है।
देहरा में परिसर बनकर तैयार, जदरांगल में ईंट भी नहीं लगी
उन्होंने कहा कि इस विषय पर जनता पहले ही आंदोलन कर चुकी है और कई नेता गंभीरता से विचार कर रहे हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद यह निर्णय हुआ था कि केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर धर्मशाला में और एक परिसर देहरा में स्थापित होगा। देहरा परिसर के लिए सरकार ने राशि दी और उसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन जदरंगल परिसर के लिए अब तक पैसा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
पैसे जमा न करवाए तो और बिगड़ सकती है स्थिति
शांता कुमार ने इस रवैये को अन्यायपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते 30 करोड़ रुपये जमा नहीं करवाए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपील की कि अगली सुनवाई से पहले राशि अवश्य जमा करवाई जाए, ताकि प्रदेश की छवि और जनता की भावनाओं को आघात न पहुंचे।

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