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    सरकार के खिलाफ शिमला में जुटे एचआरटीसी पेंशनर, कर्मियों की हड़ताल पर प्रबंधन से होगी बैठक

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 18 Oct 2021 11:01 AM (IST)

    HRTC Pensioners Protest हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पेंशनर अपनी मांगों को लेकर आज शिमला में धरना देंगे। सुबह ही ये प्रदेश भर से शिमला जुटने आरंभ हो गए। परिवहन पेंशन समस्या समाधान मंच के अध्यक्ष अशोक पुरोहित का कहना है पेंशनर प्रदेश भर से पहुंचे हैं।

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    हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पेंशनर अपनी मांगों को लेकर आज शिमला में धरना देंगे।

    शिमला, राज्य ब्यूरो। HRTC Pensioners Protest, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पेंशनर अपनी मांगों को लेकर आज शिमला में धरना देंगे। सुबह ही ये प्रदेश भर से शिमला जुटने आरंभ हो गए। परिवहन पेंशन समस्या समाधान मंच के अध्यक्ष अशोक पुरोहित का कहना है कि धरने के लिए पेंशनर प्रदेश भर से पहुंचे हैं। उधर, आज ही चार बजे संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के साथ प्रबंध निदेशक की वार्ता होगी। जेसीसी ने पिछली रात हड़ताल वापस ले ली थी। अब आज वार्ता पर अगला रुख तय होगा।

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    गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पेंशनर भी दो धड़ों में बंट गए हैं। एक की अगुवाई अशोक पुरोहित तो दूसरे की सत्यप्रकाश शर्मा कर रहे हैं। पुरोहित परिवहन समस्या समाधान मंच के अध्यक्ष हैं, जबकि शर्मा पेंशनर कल्याण संगठन के अध्यक्ष हैं। सत्य प्रकाश शर्मा के अनुसार पेंशनर मांगों के संबंध में मंडी में 22 अक्टूबर को हुंकार रैली भरेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन महीने से संघर्षरत है। पहले 17 जुलाई को शिमला में निगम के राज्य मुख्यालय में धरना दिया था। इसके बाद राज्य विधानसभा का घेराव किया था। तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ परिवहन मंत्री की मौजूदगी में वार्ता हुई थी। बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हुआ।

    उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पेंशनरों के भी कोई अधिकारी होते होंगे। राजनीतिक दलों को हमारे बारे में अपने विचार सार्वजनिक करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि अगर 22 अक्टूबर को मांगे नहीं मानी गई तो वे चुनाव में सरकार का विरोध करेंगे। शर्मा ने कहा कि आंदोलन को राजनैतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

    हड़ताल के आसार कम

    अब एचआरटीसी कर्मियों के हड़ताल के आसार कम नजर आ रहे हैं। दोपहर बाद चार बजे बैठक में प्रबंधन मांगे सुलझाने का आश्वासन दे सकता है। चुनाव आचार संहिता के कारण फैसला नहीं हो पाएगा। इस कारण आश्वासन के सहारे ही समिति को अपना आंदोलन और आगे स्थगित करना पड़ेगा।