जिला कांगड़ा में पंजाब से सटे क्षेत्र में चल रहा था अवैध स्टोन क्रशर, विधायक के संज्ञान पर हुई बड़ी कार्रवाई
Kangra illegal Stone Crusher हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के पास पंजाब सीमा पर अवैध स्टोन क्रशर का भंडाफोड़ हुआ। विधायक भवानी पठानिया ने हिमाचल विधानसभा में मुद्दा उठाया जिसके बाद पंजाब सरकार ने कार्रवाई की। जांच में एक क्रशर चालू पाया गया और जिला प्रशासन ने पांच चालान जारी किए।

संवाद सहयोगी, फतेहपुर। कांगड़ा जिले के तहत फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के शाहनहर बैराज (52 गेट) के पास पंजाब सीमा के पास अवैध स्टोन क्रशर चल रहा था। इसका अब भंडाफोड़ हुआ है। इस मुद्दे को सबसे पहले हिमाचल विधानसभा में विधायक भवानी पठानिया ने उठाया था और इसकी गूंज इतनी प्रभावशाली रही कि मामला सीधे पंजाब सरकार तक पहुंच गया।
तीन क्रशर की जांच की, एक संचालित पाया गया
डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर आशिका के निर्देश पर एसडीएम मुकेरियां अंकुर महेंदू के नेतृत्व में गत रात अवैध खनन गतिविधियों के विरुद्ध विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान तीन क्रशर की जांच हुई और एक क्रशर संचालन में पाया गया, जबकि मौके पर 500 केवीए का जनसेट भी मिला। जांच में ताजा टायर निशान, जनसेट का अत्यधिक तापमान, गीली बजरी और 1414 घंटे की रनिंग रीडिंग से स्पष्ट हुआ कि क्रशर नियमित रूप से संचालित किया जा रहा था।
प्रशासन ने पांच चालान जारी किए
जिला प्रशासन ने पांच चालान जारी किए। अवैध खनन में शामिल वाहनों को ज़ब्त किया और जनसेट को सील किया। डिप्टी कमिश्नर आशिका ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन की जीरो टालरेंस नीति के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया ने कहा, "मैंने हिमाचल विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया, ताकि शाहनहर बैराज और ब्यास नदी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह अवैध खनन हमारी ज़मीन और पर्यावरण के लिए खतरा था। प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है और मैं जनता से अपील करता हूं कि ऐसे मामलों की जानकारी हमें तुरंत दें, ताकि समय रहते सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।"
विधायक की गूंज पंजाब सरकार तक पहुंची
कांगडा जिले की फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के शाहनहर बैराज (52 गेट) के पास पंजाब सीमा के पास लंबें समय से चल रहे अवैध क्रशर का मामला अब बड़े स्तर पर उजागर हुआ है। इस मुद्दे को सबसे पहले हिमाचल विधानसभा में विधायक भवानी पठानिया ने उठाया, जिसकी गूंज इतनी प्रभावशाली रही कि मामला सीधे पंजाब सरकार तक पहुंच गया, जिससे प्रशासनिक कार्रवाई तेज़ी से शुरू हुई है।
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