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    प्रशासन की लापरवाही से खतरे में कर्मचारी, कांगड़ा में असुरक्षित घोषित भवन में अब भी चल रहा तहसील कार्यालय

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 04:01 PM (IST)

    नगरोटा सूरियां तहसील कार्यालय 12 वर्षों से जर्जर किसान भवन में चल रहा है। लोक निर्माण विभाग ने इसे असुरक्षित घोषित कर दिया है फिर भी कार्यालय यहीं है। बारिश में छत से पानी टपकता है और जनता के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। पूर्व सरकार ने मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की थी जो अभी तक पूरी नहीं हुई।

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    कांगड़ा में लोक निर्माण विभाग ने तहसील कार्यालय को असुरक्षित घोषित किया (प्रतीकात्मक फोटो)

    बलवंत सिंह बैंस, जागरण। बिलासपुर (कांगड़ा) :विकास खंड नगरोटा सूरियां का तहसील कार्यालय पिछले करीब 12 साल से किसान भवन में कार्यरत है । उधारी की व्यवस्था में ही चल रहे अब खुद इस भवन की हालात इतनी बदतर हो चुकी है कि कभी भी इस तहसील कार्यालय के भवन की छत गिर सकती है। जब बारिश होती है तो पानी छत से कमरों में टपकता हैं।

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    आलम तो यह है कि एक कमरे में ही करीब 10 कर्मचारी बैठकर काम करते हैं जबकि एक छोटा सा कमरा तहसीलदार का है जहां से वह विभागीय कार्य करते हैं। इसी भवन के एक छोटे से कमरे में नगरोटा सूरियां के पटवारी बैठते हैं। इस तहसील भवन में अपने काम करवाने के लिए जनता के लिए बैठने के लिए कोई समुचित व्यवस्था के रूप में जगह नहीं होने से दिक्कत होती है।

    हालांकि एक बैंच रखा है पर लोगों का ज्यादा आने पर कई बार अक्सर खुले आसमान में जनता को खड़े होना पड़ता है । बारिश होने या गर्मी के मौसम में स्थिति देखने वाली बनती है ,कि किस परेशानी से लोग और विभाग वाले जूझते हैं। बता दें कि

    वर्षो से इस भवन में पहले पंचायत कार्यालय होता था, कुछ समय एक निजि स्कूल भी चलता रहा,रामलीला के वक्त रिहर्सल भी यहीं होती थी। उसके बाद कई वर्ष तक जल शक्ति विभाग का कार्यालय भी रहा और अब पिछले 12 वर्ष से अधिक समय से तहसील कार्यालय चल रहा है।

    अब यह भी बड़ी मजेदार बात है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा इस भवन को असुरक्षित घोषित किया जा चुका है, लेकिन नए भवन की और अभी तक कोई भी कदम आगे नहीं हैं। ऐसे में इस असुरक्षित भवन में काम करने वाले कर्मियों की जान कभी भी आफत में आ सकती है वहीं यहां पर अपना काम करवाने आने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

    जानकारी के अनुसार करीब चार वर्ष पहले लोक निर्माण विभाग द्वारा इस भवन को असुरक्षित घोषित किया था, लेकिन उसके बावजूद अभी भी यह तहसील कार्यालय इसी भवन में चल रहा है । अब प्रश्न पैदा होता है कि क्या सरकार और विभाग तब जागेगा जब कोई अप्रिय अनहोनी कोई घटेगी ?

    ये भी बताया गया है कि जहां पर इस समय तहसील कार्यालय चल रहा है इसी स्थान पर भूमि पर पूर्व सरकार ने मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की थी और कहा था कि नगरोटा सूरियां में एक छत के नीचे सभी कार्यालय होंगे, जिससे जनता को एक ही स्थान पर सुविधा मिलेगी इसका नक्शा आदि भी बन कर अप्रूव हो चुका है, प्रकालन भी भेजा गया है पर राशि का प्रविधान होना अब शेष है।

    लेकिन इसमें प्रगति इस बारे आज तक कोई भी धरातल पर देखने को नहीं मिल पाई है। वहीं स्थानीय लोगों केशव, महिंदर पठानिया, रमेश भारती, संजय, ध्यान सिंह,संजीव कुमार, धर्मपाल महाजन, अनिल, आशु, अश्वनी गुलेरिया, रचित, राम स्वरूप, साहिल चौधरी, विकास चौधरी, अंकु, अखिल, राकेश कुमार, प्रवीन कुमार, रिन्टू, विजय, उषा देवी, मिंटू, राजेश आदि ने से मांग की है कि इस महत्वपूर्ण विभागीय कार्यालय के भवन का निर्माण चयन हुई भूमि पर जन हित की सुविधा के लिए सरकार और संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी करवाएं।

    लोक निर्माण विभाग के अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि उनके यहां आने से पहले ही विभाग द्वारा इस भवन को असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। अभी तक नए भवन के निर्माण को लेकर विभाग के पास कोई जानकारी नहीं आई है। उच्च अधिकारियों के ध्यान में मामला लाया गया है।

    नगरोटा सूरियां के तहसीलदार ज्ञान चंद ने कहा कि तहसील भवन की स्थिति पर विभाग की नजर है। जब तक कोई स्थाई समाधान नहीं हो जाता है। नए भवन को लेकर जगह देखी जा रही है। नए भवन निर्माण को लेकर अभी तक कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। हालांकि भवन की स्थिति को लेकर जानकारी राजस्व विभाग को जानकारी दी गई है।

    अश्वनी गुलेरिया ने कहा कि करीब बारह सालों से किसान भवन में तहसील कार्यालय चला आ रहा है । लेकिन अब इसकी हालात इस कदर जर्जर बन चुकी है कि यह भवन गिरने कि कगार पर है । इस लिए कहीं और जगह इसे शिफ्ट करना जरूरी है। खस्ताहाल भवन कर्मियों सहित लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।

    धर्मपाल महाजन का कहना है कि जब तहसील कार्यालय में लोग काम करवाने के लिए आते हैं तो उन्हें बैठने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने से दिक्कत होती है। इसलिए यह कार्यालय कहीं खुली जगह पर बने जहां जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। सरकार व विभाग को इस और ध्यान देने की जरुरत है।

    प्रवीन जग्गी ने कहा कि भवन को असुरक्षित घोषित किए हुए चार वर्ष से अधिक समय हो गया है । लेकिन उसके बावजूद अभी भी यह तहसील कार्यालय इसी भवन में चल रहा है । अब सवाल पैदा होता है कि सरकार और विभाग कब जागेगा ताकि नए भवन की सुविधा कर्मियों सहित लोगों को मिल सके।

    विशाल कुमार नंदा ने कहा कि जहां पर यह तहसील कार्यालय इस समय चल रहा है । इसी भूमि पर पूर्व सरकार ने मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की थी । लेकिन यह घोषणा ही रह गई। इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया। अभी तक कर्मी व लोग इस खस्ताहाल भवन में ही आने व काम करवाने को मजबूर हैं।