न घर बचा ना जमीन... कुल्लू में भूस्खलन का कहर जारी, इन 59 गांवों पर मंडरा रहा खतरा
कुल्लू जिले में इस बार बारिश से 59 गांव भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। 2023 में भी ऐसी ही आपदा आई थी। भूविज्ञानी रिपोर्ट के अनुसार खड़ी ढलानों पर सड़क निर्माण और वनों की कटाई इसका मुख्य कारण है। बंजार के 24 गांवों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और बंदल गांव के 37 घरों को खतरा है। प्रशासन फिर से भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराएगा।

दविंद्र ठाकुर, कुल्लू। इस बार की बरसात प्रदेश भर के ग्रामीण लोगोंं के लिए आफत बनकर बरसी है। एक दो गांव नहीं जिला कुल्लू में 59 गांव ऐसे हैं जो भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं।
यह कोई पहला मौका नहीं है इससे पूर्व भी वर्ष 2023 में आई प्राकृतिक आपदा में कई गांव को खतरा बना हुआ था।
इसके बाद प्रशासन की ओर से भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया गया। भूविज्ञानी वेनेइक्रो क्रोम की 2023 की रिपोर्ट में हुआ है खुलासा खड़ी ढलानों में सड़क निर्माण, वनों को कटाई, कृषि में बदलाव इसका मुख्य कारण रहा है। ऊपरी ढलान पर उचित जल निकासी व्यवस्था नहीं की गई है।
वर्ष 2023 में बंदल, मशीन नाला, थाना सैंज से टैक्सी स्टैंड तक सड़क मार्ग, सैंज, मरौड़, दाडूधार, करटाह और शरई में ज्यादा भूस्खलन हुआ था।
वर्ष 2025 में फिर से इन्हीं गांव में भूस्खलन से ज्यादा नुकसान हुआ है। इसमें कुल्लू के 12, मनाली में पांच, निरमंड में 15, बंजार में 24, आनी में 13 गांव को भूस्खलन से बना है।
इसमें अकेले बंजार के 24 गांव में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बंदल गांव में 37 घरों को खतरा बना है इसमें से 28 मकान खाली कर लिए हैं। पुरा गांव भी खतरे की जद में आ गया है। पुश्तों से यहां पर लोग रह रहे हैं।
लेकिन अब विस्थापित होने का दंश झेलना पड़ेगा। गांव में एक भी मकान रहने के योग्य नहीं रहा है। पूरा पहाड़ ही खिसक गया है। अब फिर से प्रशासन की ओर से भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया जाएगा।
इन गांव को बना है खतरा
कुल्लू के बागन, डली, कटरांई, दवाड़ा, छरूडू, रामशिला, लंकाबेकर, दरमोट, पीणी, तलपीणी, पनोगी, पघर गांव को भूस्खलन से खतरा मंडरा रहा है। मनाली के परशा, क्लाथ, सोलंग, समाहण, चचोगा शामिल है।
बंजार में यह गांव खतरे की जद में
बंजार के शराई, बंदल, कोटलाधार, बरडा, छेत, हुरणगाड, बगश्याड, नेउली,धारा, धारा-2, कोशुनाली, रूपाजानी, शरची, पेखड़ी, गुरशाला, टिंचा, मशीनानाला,
- सारी, खनीनी, जुही, सडौन, काथीयार, नेउल शामिल है।
- आनी, निरमंड में हुआ भूस्खलन
- आनी में शमदी, गुहाणा, शाई, झेड, बंशीरा, खादवी, जौह, जटेहड, डगसारी,
धारली, बालू, कोट, बानीगाड, शामिल है। निरमंड में डुगवी, कतमोर , कुटली, थारधार, नौणी, बड़ीलांज, खाजोनी, हाट, सरकोटी, कुड, काफटी, कुईरीनिनथा, लांज, बडीलेहाल, छरानी शामिल है।
जिला कुल्लू में भूस्खलन से जिला के कई गांव को खतरा बना है। प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। जहां पर पूरा गांव खतरे में है उन गांव का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया जाएगा। -अश्वनी कुमार अतिरिक्त उपायुक्त कुल्लू।
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