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    तिर्थन घाटी के बंदल गांव पर मंडराया भूस्खलन का खतरा, 28 परिवारों को छोड़ना पड़ा घर

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:24 PM (IST)

    कुल्लू जिले के बंजार की तिर्थन घाटी में भूस्खलन से बंदल गांव खतरे में है। प्रशासन ने 28 घरों को खाली कराया है जिससे लोग टैंटों और रिश्तेदारों के यहाँ रहने को मजबूर हैं। रास्ते बंद होने से राशन का संकट गहरा गया है। अन्य गांवों में भी मकानों में दरारें आई हैं जिससे खतरा बढ़ गया है और तीर्थन घाटी का संपर्क भी कटा हुआ है।

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    तीर्थन घाटी के बंदल गांव के 37 घरों को भूस्खलन से खतरा

    दविंद्र ठाकुर, कुल्लू। जिला कुल्लू के बंजार की तिर्थन घाटी के शरची पंचायत के बंदल गांव भूस्खलन की जद में आ गया है। गांव के आगे और पीछे दोनों ओर से लगातार भूस्खलन से अब लोगों को यहां पर रहने से डर लग रहा है। भूस्खलन से पूरे गांव को बना है खतरा बना हुआ है।

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    गांव में 37 घर हैं जिनमें रहने वाले लोगों पर भूस्खलन का मलबा गिरने का खतरा है। प्रशासन ने ऐसे 28 घरों को खाली करवाया है जो अधिक खतरे में हैं। इन घरों में रहने वाले लोग कुछ टैंट में रह रहे हैं जबकि कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के पास ठहरे हैं।

    इसमें भी प्रशासन की ओर से कुछ लोगों को तिरपाल दिए गए हैं। जबकि कुछ लोगों के पास वर्ष 2023 में आई आपदा में मिले टैंट में रह रहे हैं। भारी वर्षा के कारण भूस्खलन होने से बंदल गांव के रास्ते बंद हैं। गांव का संपर्क 15 दिन से कटा है।

    गांव में बिजली व पानी की आपूर्ति भी बाधित है। राशन का संकट गहरा गया है। जब लोगों ने प्रशासन से खाने पीने की व्यवस्था करने को कहा तो प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही। इतना ही नहीं साथ लगते गांव बाडीघार में भी चार मकानों में दरारें आ गई है जबकि एक मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है।

    चार मकान में अभी भी लोग रह रहे हैं जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। साथ लगते गांव शियाशाडू में में भी तीन मकानों में दरारें आ गई है।

    तीर्थन घाटी की 10 पंचायतों का कटा संपर्क

    तीर्थन घाटी की 10 ग्राम पंचायतों नोहांडा,पेखड़ी, तूंग, शर्ची, कंढीधार,मशियार, शिल्ही, शिरीकोट, कलबारी, आदि दुर्गम पंचायतों में लोगों का संपर्क कटा हुआ है। खाद्य पदार्थ की कमी के कारण एक माह से सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं होने से जरूरी सामान आटा,चाबल दाल ,तेल,चीनी,नमक सब्जी रोशनी की मोमबत्ती तक नहीं मिल रही है। लोग जरूरी सामान के लिए कई किलोमीटर पैदल पहाड़ी गिरते रास्तों उफनती नदी नालों को पार कर जाने को मजबूर हैं।

    शरची ग्राम पंचायत की प्रधान रामेश्वरी देवी ने कहा कि 'मेरी पंचायत के बंदल, बाडीघार, शियाशाडू में मकान खतरे की जद में हैं। बंदल गांव में 28 मकानों को खाली करवा दिया गया है जो टैंट व कुछ अपने रिशतेदारों के घर में ठहरे हुए हैं। प्रशासन से मिलकर गांव के लोगों की मांग रखी है।'

    कुल्लू के उपायुक्त तोरूल एश रवीश ने बताया कि तीर्थन घाटी के बंदल गांव में भूस्खलन से नुकसान हुआ है। प्रभावित परिवारों की प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता की जा रही है। कुछ दिन में स्वयं वहां पर जाकर स्वयं निरीक्षण करूंगा।