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    हिमाचल में पसरा सन्नाटा, सैलानियों के लिए तरस गई आंखें; बाढ़ और भूस्खलन से 150 होटलों पर छाए संकट के बादल

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 04:14 PM (IST)

    कुल्लू जिले में प्राकृतिक आपदा के कारण औट सैंज लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने से पर्यटन व्यवसाय ठप हो गया है। जिभी और तीर्थन वैली जैसे पर्यटक स्थल सुनसान हैं। होटल रेस्टोरेंट और होम स्टे संचालक मुश्किल में हैं। सड़क बंद होने से बाइकर्स सीजन भी प्रभावित हुआ है जिससे सैलानियों की संख्या घट गई है।

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    आपदा से पर्यटन कारोबार पर संकट, 150 होटल व होम स्टे संचालक परेशान (File Photo)

    जागरण संवाददाता, मंडी। कुल्लू जिले की तीर्थन वैली, जिभी, घियागी, बांदल, गुशैणी और सांघड जैसे पर्यटन स्थलों पर इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है।

    प्राकृतिक आपदा के चलते पिछले दस दिनों से औट सैंज लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित पड़ा हुआ है। इसका सीधा असर यहां के पर्यटन कारोबार पर पड़ रहा है।

    स्थानीय होटल, रेस्टोरेंट और होम स्टे संचालक मुश्किल हालात से जूझ रहे हैं। यहां करीब 150 छोटे बड़े होटल और होम स्टे हैं। औट सैंज लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग जिभी और तीर्थन वैली का मुख्य गेटवे है।

    आपदा के बाद से सड़क पर जगह-जगह भारी भूस्खलन, दरके पहाड़ और टूटी सड़क पर्यटन कारोबार के लिए चुनौती बन गए हैं।

    15 अक्टूबर तक चलता है बाइकर्स का सीजन

    भ्योट,छेत,कोटलाधार,मंगलौर,बालीचौकी सहित अनेक स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। इसका सीधा असर बाइकर्स सीजन पर भी पड़ा है।

    बाइकर्स सीजन 15 अगस्त से आरंभ होकर 15 अक्टूबर तक चलता था। देश विदेश के बाइकर्स कुल्लू से काजा तक अपनी यात्रा करते थे।

    कुल्लू से चलने के बाद औट सैंज लुहरी मार्ग से होते हुए शिमला जिले के रामपुर पहुंचते थे। वहां से स्पीति के मुख्यालय काजा तक जाते थे। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से बाइकर्स की गतिविधियों पर विराम लग गया है।

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    हजारों की संख्या में ठहरते हैं सैलानी

    बाइकर्स काजा जाते समय जिभी व अन्य स्थानों पर लंच डिनर और रात्रि विश्राम के लिए ठहरते थे। हजारों की संख्या में विदेशी और देसी सैलानी यहां की हरी-भरी घाटियों, झरनों और पारंपरिक पहाड़ी संस्कृति का आनंद लेने आते थे।

    इस बार का सीजन लगभग आपदा की भेंट चढ़ गया है। घियागी और गुशैणी क्षेत्र में बने कई बड़े होटल और होम स्टे खाली पड़े हैं।

    संचालकों का कहना है कि अगर सड़क की स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो रोजमर्रा का खर्चा, स्टाफ की सैलरी और बैंक की इएमआई चुकाना मुश्किल हो जाएगा।

    पूरे सीजन झेलना पड़ता है नुकसान

    स्थानीय होटल एसोसिएशन के प्रधान ललित कुमार ने सरकार और जिला प्रशासन से सड़क बहाली में तेजी लाने की मांग की है।

    उनका कहना है कि यदि जल्द ही मार्ग सुचारू नहीं हुआ तो पूरे सीजन का नुकसान झेलना पड़ेगा। सड़क बाधित होने से केवल होटल कारोबार ही नहीं, बल्कि स्थानीय ग्रामीण भी परेशान हैं।

    सब्जी, दूध और अन्य जरूरी सामान की सप्लाई प्रभावित हो गई है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर बीमारों को अस्पताल पहुंचाने तक हर काम प्रभावित हो रहा है। हालांकि, मार्ग की बहाली के लिए मशीनरी तैनात की है। लेकिन भारी वर्षा और गिरते पत्थरों के कारण काम में देरी हो रही है।