अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी सरकाघाट में होगी शिफ्ट, स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री सुक्खू की घोषणा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकाघाट में राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय नेरचौक को सरकाघाट स्थानांतरित करने की घोषणा की। उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और प्रभावित परिवारों के लिए राहत राशि का एलान किया। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती शिक्षा स्वास्थ्य और नशा उन्मूलन पर सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला।

जागरण संवाददाता,सरकाघाट। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सरकाघाट के खेल मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय नेरचौक को सरकाघाट शिफ्ट करने की घोषणा की है।
इससे पहले सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए सुंदरनगर में भूमि चिन्हित की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने परेड की सलामी ली। भारी वर्षा व तेज हवाओं के बीच दिए गए संबोधन में उन्होंने हिमाचल की वीरता, आपदा से जूझते प्रदेश, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य व नशा उन्मूलन जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल वीरों की भूमि है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए देवभूमि के वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। पहला परमवीर चक्र प्राप्त करने का सौभाग्य प्रदेश के लाल मेजर सोमनाथ को प्राप्त हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर में भी प्रदेश के बेटे ने योगदान दिया है।
222 लोगों की जान गई
उन्होंने मंडी सहित राज्य में हाल की आपदा को गंभीर बताते हुए कहा कि अब तक 222 लोगों की जान गई है। आपदा व मसेरन बस हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि जो घर रहने योग्य नहीं हैं, उन्हें पूर्ण क्षतिग्रस्त माना जाएगा।
पालीहाउस क्षति पर 25,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 100 करोड़ रुपये की राहत राशि का एलान किया, यह राशि मंडी जिले में खर्च होगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग से राज्य को भारी नुकसान हुआ है।
वर्ष 2023 में 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जबकि केंद्र से मात्र 1,500 करोड़ रुपये की मदद मिली, वह भी दो साल बाद। इस बार भी वह दिल्ली में कई मंत्रियों से मुलाकात के बावजूद कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिली।
प्राकृतिक खेती पर MSP देने वाला पहला राज्य बना हिमाचल
कृषि क्षेत्र में सरकार की पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने वाला हिमाचल पहला राज्य है।
छह जिलों से 127 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी खरीदी गई है। पांगी के किसानों से 100 रुपये प्रति किलो जौ खरीदी जाएगी। आधुनिक तकनीक आधारित मिल्क प्लांट लगाए जा रहे हैं। किसानों से 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद खरीदी जा रही है।
बागवानी उत्पादों के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में ढाई वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति का दावा करते हुए उन्होंने नए सत्र से 200 सीबीएसई स्कूल खोलने की घोषणा की। पूर्व सरकार द्वारा बिना बजट के खोले900 संस्थान खोल दिए गए थे।
सरकार को कड़ा निर्णय लेते हुए 1,000 संस्थानों का युक्तिकरण करना पड़ा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने घोषणा करते हुए कहा कि अब अकादमिक सत्र के बीच शिक्षकों की सेवानिवृत्ति नहीं होगी। इसमें तकनीकी व मेडिकल संस्थानों के शिक्षक भी शामिल हैं।
नेरचौक, टांडा व हमीरपुर मेडिकल कालेज में रोबोटिक सर्जरी सुविधा शुरू की जाएगी। नशा तस्करी को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि हर जिले में नशा निवारण केंद्र बनाए जाएंगे।
एंटी चिट्टा वालंटियर योजना का हुआ एलान
नशा माफिया की 42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। पुलिस भर्ती में ‘चिट्टा’ टेस्ट अनिवार्य किया गया है। एंटी चिट्टा वालंटियर योजना की घोषणा की।
सूचना देने वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। चिट्टा रोकथाम बोर्ड का गठन किया जाएगा। प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए धनबल नहीं, बल्कि जनबल की ताकत से गंभीर प्रयास जारी रहेंगे।
उन्होंने विश्वास जताया कि हिमाचल आने वाले समय में आपदा से उबरकर विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्यों करने वालों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
उन्होंने सरकाघाट में नया बस अड्डा बनाने, नागरिक अस्पताल सरकाघाट की क्षमता 50 से बढ़ाकर 100 बिस्तर करने तथा शिव मंदिर की जमीन पार्किंग के लिए देने की घोषणा की। स्वतंत्रता दिवस पर महंगाई भत्ता मिलने की आस लगाए बैठे कर्मचारियों के हाथ एक बार फिर निराशा लगी है।
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