हिमाचल भाजपा में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर बढ़ा बवाल, जयराम और अनुराग समर्थक खुलकर आए सामने, एक नारे से छिड़ा विवाद
हिमाचल भाजपा में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर विवाद जारी है। जयराम ठाकुर और अनुराग ठाकुर के समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी हुई है। पार्टी के भीतर गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है, जिससे पार्टी की साख पर सवाल उठ रहे हैं। नेतृत्व ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की है। विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, लेकिन अभी से ही खींचतान शुरू हो गई है।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और सांसद अनुराग ठाकुर। जागरण आर्काइव
हंसराज सैनी, मंडी। हिमाचल भाजपा में इन दिनों भितरघात और नारों की राजनीति ने माहौल गरमा दिया है। विधानसभा चुनावों में अभी दो वर्ष का समय शेष है, लेकिन मुख्यमंत्री की दावेदारी को लेकर पार्टी के भीतर मची खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही।
पहले नेताओं के बीच छिड़ा यह संग्राम अब उनके समर्थक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं तक पहुंच गया है। दोनों गुट एक-दूसरे पर इंटरनेट मीडिया के जरिए निशाने साध रहे हैं, इससे पार्टी की साख पर सवाल उठने लगे हैं।
अंबिका सूद ने दी सफाई, कहा - अनुराग ठाकुर के पक्ष में नारे लगाना अपराध नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के समर्थकों के बीच छिड़े इस विवाद में अब प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रही अंबिका सूद भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा...किसी नेता के पक्ष में नारे लगाना कोई गुनाह नहीं है, यह तो जनता के स्नेह और सम्मान का प्रतीक है। अनुराग ठाकुर भी हिमाचल के बेटे हैं, भाजपा के ही नेता हैं, कोई विदेशी नहीं। प्रतिस्पर्धा विपक्ष से होनी चाहिए, अपनों से नहीं।
आइटी सेल की महिला पदाधिकारी डिंपल ठाकुर की पोस्ट ने बढ़ाया विवाद
वहीं भाजपा आइटी सेल की पदाधिकारी डिंपल ठाकुर की एक फेसबुक पोस्ट ने पार्टी के भीतर नई हलचल मचा दी है। उन्होंने लिखा कि कार्यकर्ता चाहता है, लेकिन कौन सा वाला कार्यकर्ता... जो 2022 के विधानसभा और 2024 के उपचुनाव में कांग्रेस को वोट दिलवाता है?” यह टिप्पणी अब पार्टी के भीतर खूब चर्चा का विषय बनी हुई है। डिंपल ठाकुर ने अनुराग ठाकुर के विरुद्ध पूरी तरह से मोर्चा खोल रखा है, एक और पोस्ट शेयर कर पूछा कि अब तक के इतिहास में भाजपा के किसी पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा मुख्यमंत्री बना है क्या?
अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी, दोनों पक्षों ने हटाई विवादित पोस्टें
उधर, अनुराग समर्थक महेश सिपहिया और जयराम समर्थक आरसी शर्मा के बीच इंटरनेट मीडिया पर चल रही जुबानी जंग ने मामले को और तूल दे दिया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए दोनों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। दोनों ने अपने-अपने फेसबुक पेज से विवादित पोस्टें हटा दी हैं, लेकिन भाजपा में छिड़ी यह अंदरूनी जंग फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही।
पार्टी नेतृत्व अब इस बात को लेकर चिंतित है कि कार्यकर्ता जिस तरह से इंटरनेट मीडिया पर ही एक-दूसरे पर वार कर रहे हैं, उससे कांग्रेस को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया है।
2027 में होंगे विधानसभा चुनाव
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 में होना प्रस्तावित हैं। नवंबर या दिसंबर माह में चुनाव होंगे। लेकिन करीब दो साल पहले ही जद्दोजहद शुरू हो गई है।
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