हिमाचल से नशा माफिया का होगा खात्मा, सरकार पंचायतों में तैयार करेगी एंटी चिट्टा स्वयंसेवकों की फौज; बोर्ड का भी होगा गठन
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशाखोरी विशेषकर चिट्टे की समस्या से निपटने के लिए कमर कस ली है। हर पंचायत में एंटी चिट्टा स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे जो तस्करी रोकने और जागरूकता फैलाने में मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने नशामुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा की है। सरकार नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना बनाएगी।

जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश में नशा खासकर चिट्टे की समस्या नासूर बनती जा रही है। सरकार ने इससे पार पाने के लिए अब गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिए हैं। नशा माफिया की कमर तोड़ने के लिए अब हर पंचायत में एंटी चिट्टा स्वयंसेवकों की फौज तैयार होगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकाघाट में स्वतंत्रता दिवस पर राज्यस्तरीय समारोह में एंटी चिट्टा वालंटियर योजना शुरू करने की घोषणा की है। योजना के तहत स्वयंसेवकों को पुलिस व आम जनता के मध्य सेतु का काम करने के लिए तैयार किया जाएगा।
युवा स्वयंसेवक चिट्टे की तस्करी को रोकने में मदद करने के साथ-साथ जागरूकता अभियानों और पुलिस को समय-समय पर गोपनीय जानकारी उपलब्ध करवाने में भी सहायता करेंगे। इससे तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। इन स्वयंसेवकों के लिए प्रोत्साहन राशि का भी प्रविधान किया जाएगा।
नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार युवाओं को चिट्टे से बचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। सरकार ने पीआइटी एनडीपीएस अधिनियम लागू किया है। ड्रग तस्करों की 42 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की है। पुलिस भर्ती में चिट्टा परीक्षण अनिवार्य कर दिया है।
नशामुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड का होगा गठन
मुख्यमंत्री ने नशामुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा की। इस बोर्ड में गृह, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शिक्षा, युवा सेवा एवं खेल, पंचायती राज व कारागार विभागों के विशेषज्ञों के साथ गैर-सरकारी संगठन व सोशल साइंटिस्ट को शामिल किया जाएगा। यह बोर्ड नशे पर अंकुश लगाने तथा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में काम करेगा।
नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना बनेगी
राज्य सरकार की ओर से नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के कल्याण के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए नीति आयोग, एम्स, पीजीआइ व स्वास्थ्य विभाग मिलकर एक कार्य योजना तैयार करेंगे।
एंटी ड्रग समितियों के गठन के निर्देश
चिट्टे के समूल नाश के लिए गांवों व पंचायतों में एंटी ड्रग समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। इनमें पंचायत सचिव, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एक पुलिस कांस्टेबल शामिल होंगे। पुलिस नशे से संबंधित जानकारी एकत्रित कर समिति के साथ साझा करेगी। पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी द्वारा पंचायत स्तर पर कांस्टेबलों की नियुक्ति, नियमित बैठकें और मासिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित किया जाएगा।
दैनिक जागरण ने चलाया धंसता हिमाचल अभियान
'दैनिक जागरण' ने चिट्टे की बढ़ती समस्या को लेकर धंसता हिमाचल नाम से अभियान चलाया था। मुख्यमंत्री सुक्खू ने आशा व्यक्त की कि यह कार्य अविलंब आरंभ किया जाएगा, ताकि नशे के विरुद्ध समय पर कार्रवाई कर इस लड़ाई में जीत हासिल की जा सकती है।
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