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    Himachal News: पति को छाेड़कर पंजाब में युवक से कर ली शादी, ...और फिर हुआ कुछ ऐसा कि दो जुड़वा बच्चियों को मारकर लौटी

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:04 PM (IST)

    Himachal Pradesh News मंडी में एक महिला को अपनी जुड़वां बेटियों की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। महिला ने पहले पति को छोड़कर दूसरे से शादी की थी जिससे उसे बेटियां हुईं। फिर पहले पति के पास लौटने की मंशा से उसने बच्चियों को सकोड़ी खड्ड में फेंक दिया। डीएनए जांच और सीसीटीवी फुटेज से महिला का अपराध साबित हुआ।

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    मंडी की एक महिला ने दो बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की एक महिला ने पति को छोड़कर पंजाब के एक युवक से शादी कर ली। इसके बाद उसने दो बच्चियों को भी जन्म दिया, लेकिन उसे फिर पुराने की पति की याद आ गई और वह दूसरे पति को छोड़कर वापस आ गई। और इस सब के बीच उसने दो मासूम बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया।

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    अब सत्र न्यायालय (पारिवारिक कोर्ट) मंडी ने करीब सवा माह की जुड़वां बेटियों की हत्या की दोषी मां को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने महिला पर 10,000 रुपये जुर्माना भी लगाया है। हालांकि, न्यायालय ने महिला को बच्चों के परित्याग के आरोप से बरी कर दिया।

    महिला के विरुद्ध 19 सितंबर 2021 को थाना सदर में केस दर्ज किया गया था। रोहिना उर्फ हिना मंडी शहर के सुहड़ा मोहल्ले की रहने वाली है। 

    पति को छाेड़कर युवक से कर ली शादी

    रोहिना ने पंजाब के एक युवक से शादी कर ली थी। दोनों बच्चियां भी उसी की थी। पहले पति के पास लौटने की मंशा से दोनों बेटियों की हत्या कर दी थी। पहले पति सौरभ ने रोहिना को बच्चियों के बिना घर लौटने की बात कही थी। 

    10 फीट ऊंचे डंगे से फेंक दी थीं बच्चियां

    19 सितंबर 2021 को नीलकंठ अस्पताल के चपरासी पंकज कुमार ने सकोड़ी पुल के नीचे खड्ड में दो नवजात बच्चियों के शव पड़े होने की सूचना पुलिस को दी थी। जांच में यह बच्चियां रोहिना की संतान निकलीं थीं। इनका जन्म नौ अगस्त 2021 को पंजाब के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था। रोहिना ने 17-18 सितंबर की रात बच्चियों को करीब 10 फीट ऊंचे डंंगे से नीचे फेंका था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि दोनों की मौत सिर में गंभीर चोटों से हुई थी।

    डीएनए जांच में हुआ था खुलासा

    डीएनए जांच में एक बच्ची के रक्त का नमुना रोहिना से मेल हुआ था। एसएफएसएल जुन्गा में इसकी पुष्टि की थी। सकोड़ी पुल के पास एक स्टोर से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में एक महिला को बच्चों के साथ पुल की ओर जाते और बिना बच्चों के लौटते देखा गया था। हालांकि चेहरा स्पष्ट नहीं था, लेकिन अभियोजन ने इसे घटनाक्रम से जोड़कर न्यायालय के सामने रखा।

    पुलिस हिरासत में स्वीकारा अपराध

    पुलिस हिरासत में रोहिना ने स्वीकार किया कि उसने बच्चियों को सकोड़ी पुल से फेंका था व घटनास्थल की पहचान भी करवाई थी। दो महिला चिकित्सकों ने करीब सवा माह पहले रोहिना का प्रसव हाेने की पुष्टि की थी। आटो चालक रमेश कुमार ने रोहिना को पुल तक छोड़ने की बात कही थी। बस कंडक्टर ललित कुमार ने उसके मंडी पहुंचने की पुष्टि की थी।

    लोक अभियोजक जितेंद्र कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, डीएनए रिपोर्ट, चिकित्सकीय प्रमाण व रोहिना का खुलासा बयान इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि उसने अपनी बच्चियों को जानबूझकर मौत के घाट उतारा। पंजाब में उसने पहले भी बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी।

    वहीं बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था, सीसीटीवी फुटेज अस्पष्ट था। ननद पहले पति का बयान पक्षपातपूर्ण थे। रोहिना ने भी दावा किया कि बच्चियों को उसकी ननद करुणा ने अपने कब्जे में लिया व उसे फंसाया गया। न्यायालय ने कहा कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य पर्याप्त हैं। डीएनए व पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या की पुष्टि की है। न्यायालय ने माना कि बच्चियों को नाले में फेंकना केवल परित्याग नहीं, बल्कि हत्या है। इसलिए उसे दोषी ठहराते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।