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    आइआइटी मंडी को मिला यूनिवर्सिटी आफ द ईयर अवार्ड, इन दो श्रेणियों में सम्मानित हुआ संस्थान

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 06:31 PM (IST)

    IIT Mandi भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी को एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2025 में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एम्प्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप पुरस्कार मिला है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह सम्मान प्रदान किया। संस्थान ने नवाचार और रोजगार सृजन में उत्कृष्ट योगदान दिया है। आईआईटी मंडी ने 400 से अधिक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया।

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    नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अवार्ड प्राप्त करते आइआइटी मंडी के निदेशक व अन्य।

    जागरण संवाददाता, मंडी। IIT Mandi, हिमालय की गोद में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता का परचम लहराया है। संस्थान को एफआइसीसीआइ हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2025 में देश की शीर्ष श्रेणी यूनिवर्सिटी आफ द ईयर (स्थापित) व एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एम्प्लायमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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    यह सम्मान नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदान किया। इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित किया है कि आइआइटी मंडी न केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र है, बल्कि नवाचार और रोजगार सृजन का भी अग्रदूत बन चुका है। संस्थान के इस योगदान को एफआइसीसीआइ ने देश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में प्रेरक उदाहरण के रूप में सराहा है।

    शोध, नवाचार व उद्योग के बीच किया सेतु तैयार

    आइआइटी मंडी ने बीते कुछ वर्षों में शोध, नवाचार और उद्योग के बीच मजबूत सेतु तैयार किया है। संस्थान का प्रौद्योगिकी बिजनेस इनक्यूबेटर आईआईटी मंडी कैटेलिस्ट देश का पहला हिमालयी इनक्यूबेटर है, जिसने अब तक 400 से अधिक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया है। इन स्टार्टअप्स ने न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया है, बल्कि देशभर में तकनीकी उद्यमशीलता की नई दिशा दी है।

    120 करोड़ रुपये से 275 अनुसंधान किए

    आइआइटी मंडी ने अनुसंधान आधारित शिक्षा व उद्योग के साथ सहयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया है। अब तक संस्थान ने 120 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 275 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य किया है। 11 अंतरराष्ट्रीय व 12 राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन किए हैं।

    संस्थान के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने इस सम्मान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान पूरे आइआइटी मंडी परिवार के लिए गर्व का क्षण है। यह हमारे शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों की समर्पण भावना व रचनात्मकता का परिणाम है। हम नवाचार व उद्यमशीलता की संस्कृति को और सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

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