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    एक बेड पर तीन मरीज, मंडी के अस्पताल में महीनों से बेड की कमी; सता रहा संक्रमण का खतरा

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 04:03 PM (IST)

    मंडी के जोनल अस्पताल में बेड की कमी से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। एक ही बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती होने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। मरीज और उनके तीमारदार परेशान हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बेड और मैनपावर की कमी है लेकिन जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।

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    जोनल अस्पताल मंडी के महिला वार्ड में एक बेड पर तीन मरीज़ (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, मंडी। जोनल अस्पताल मंडी के महिला रोगी वार्ड में बेड की कमी से मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    अस्पताल में पर्याप्त बेड सुविधा न होने से एक ही बेड पर दो से तीन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इससे न केवल मरीजों को असुविधा हो रही है, बल्कि उनमें संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।

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    मरीजों की यह हालत देखकर उनके तीमारदारों में भी आए दिन तनाव की स्थिति बन रही है, जिसे शांत करने के लिए दूसरों को बीच-बचाव करना पड़ रहा है।

    4 महीनों से लगातार बनी हुई बेड की कमी की समस्या

    गत चार माह पूर्व से यह समस्या लगातार बनी हुई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद, मरीजों को मजबूरन एक ही बेड पर उपचार लेना पड़ रहा है।

    ऊपरी बल्ह की धर्मा देवी को तुंगल क्षेत्र की गोदावरी के साथ बेड साझा करना पड़ रहा है, गोदवारी सर्दी-जुकाम से पीड़ित है और गत पांच दिनों से उपचार प्राप्त कर रही है।

    धर्मा देवी गत चार दिनों से बुखार और डायरिया से जूझ रही हैं। दोनों मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि एक ही बेड पर दो मरीजों के रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

    वहीं बालीचौकी देवधार की रेशमु देवी (बुखार पीड़ित), लागधार कोटली की इंद्रा देवी (डायरिया पीड़ित), तुंगल क्षेत्र के बीर से भावना (उल्टी-दस्त पीड़ित) को एक ही बेड साझा करना पड़ रहा है।

    एक ही बेड पर लेटने को मजबूर तीन मरीज

    इस स्थिति में जहांं मरीज में आराम मिलना चाहिए लेकिन एक बेड पर तीन मरीजों को करवट बदलने के लिए भी समस्या हो रही है।

    थाना शिवा की गणु देवी, जिन्हें फेटी लीवर की समस्या है और सराज के बागाचनोगी से पेट दर्द की शिकायत लेकर आई लता और ने बताया कि अस्पताल परिसर में कई कमरे खाली हैं जिनमें पुराने वार्ड और बेड उपलब्ध हैं।

    इसके बावजूद, अस्पताल प्रबंधन इन सुविधाओं का उपयोग नहीं कर रहा है। अस्पताल में बेड और मैनपावर की कमी है, मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण सभी को उपचार देना जरूरी है।

    अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. दिनेश ठाकुर ने कहा कि हाल ही में एमएस का कार्यभार संभाला है हर को समस्या पर गहनता से देखा जा रहा है।

    जल्द ही इस समस्या का भी समाधान किया जाएगा, अस्पताल की ओर से मरीजों को सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहे है।