कर्मचारियों के कल्याण के लिए CM सुक्खू ने लिया एक और बड़ा फैसला, पेंशन गणना के लिए दिया जाएगा नियमित सेवा का लाभ
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 मई 2003 के बाद नियमित हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राहत दी है। अब उन्हें पेंशन गणना में दैनिक भोगी सेवा का लाभ मिलेगा। राजन शर्मा ने मुख्यमंत्री को कर्मचारी हितैषी बताते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने केंद्र से एनपीएस में जमा पैसा वापस करने का आग्रह किया।
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कर्मचारियों के हित में CM सुक्खू का बड़ा फैसला। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश स्कूल लेक्चरर संघ के प्रांतीय मुख्य मीडिया सचिव राजन शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हित में एक और बड़ा अनुकरणीय फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने उन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राहत दी है जो 15 मई 2003 के बाद नियमित हुए हैं। अब इन कर्मचारियों को पांच वर्ष की दैनिक भोगी सेवा के बदले एक वर्ष नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना के लिए दिया जाएगा।
यह निर्णय मुख्यमंत्री की कर्मचारी हितैषी सोच का परिचायक है। राजन शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू कर्मचारी वर्ग के सच्चे हितेषी हैं। जब भी कोई कर्मचारी अपनी समस्या लेकर उनके पास पहुंचता है, तो मुख्यमंत्री उसकी बात ध्यानपूर्वक सुनते हैं और समाधान करने का पूरा प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री न केवल कर्मचारियों बल्कि आम जनता, आपदा प्रभावितों और अनाथ बच्चों के लिए भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का जो वादा किया था, उसे पूरे अनुकरणीय ढंग से निभाया है। प्रदेश के कर्मचारी इसे कभी नहीं भूलेंगे।
राजन शर्मा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों का एनपीएस (एनपीएस) में जमा पैसा प्रदेश सरकार को वापस किया जाए। उन्होंने कहा कि एनपीएस प्रणाली में कर्मचारी अपने ही पैसे को जरूरत के समय नहीं निकाल पा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण नीति है।
उन्होंने कहा कि एनपीएस से पैसा निकालने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल और सीमित है, जिससे कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। देशभर के कर्मचारी वर्तमान में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए संघर्षरत हैं और आने वाले समय में उन्हें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।

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