हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को ठगने की कोशिश, एक गलती और लग जाता लाखों का चूना
Himachal News हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) के बैंक खाते से साइबर ठगों ने धोखाधड़ी करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके। बैंक की सतर्कता से 7.85 लाख रुपये की धोखाधड़ी नाकाम हो गई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, शिमला। साइबर अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि अब आम लोगों के साथ सरकार के मंत्रियों एवं अन्य वीआईपी लोगों को भी शिकार बनाने के लिए प्रयास कर रहे है।
ताजा मामले में हिमाचल प्रदेश के लोकनिर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बैंक खाते से साइबर ठगों ने धोखाधड़ी करने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बैंक खाते से करीब आठ लाख रुपये निकालने की कोशिश की गई। गनीमत रही कि बैंक की सतर्कता के चलते यह धोखाधड़ी समय रहते नाकाम हो गई।
7.85 लाख रुपये ठगने की कोशिश
यूको बैंक की विधानसभा शाखा की प्रबंधक प्रिया छाबड़ा की ओर से इस घटना की शिकायत बालूगंज थाना में दर्ज करवाई गई है। शिकायत के मुताबिक बैंक में एक फोन कॉल आया जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सचिवालय का कर्मचारी बताते हुए मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खाते की जानकारी मांगी।
इसके साथ ही एक जरूरी कार्य का हवाला देते हुए खाते से 7.85 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करने की बात कही।
शाखा प्रबंधक ने निजी सचिव से किया संपर्क
हालांकि, शाखा प्रबंधक को कॉल पर शक हुआ और उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तुरंत मंत्री के निजी सचिव से संपर्क किया। जब यह पुष्टि हुई कि ऐसी कोई कॉल सचिवालय से नहीं की गई है तो उन्होंने तुरंत संभावित लेनदेन पर रोक लगा दी और पुलिस को इसकी जानकारी दी।
इस तरह एक बड़ी साइबर ठगी की कोशिश नाकाम कर दी गई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2) और 62 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। बालूगंज थाना के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में तकनीकी जांच की जा रही है और कॉल डिटेल्स के माध्यम से आरोपी की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।

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