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    हार के डर से पंचायत चुनाव से भाग रही सरकार : भाजपा

    By rohit nagpalEdited By: Jagran News Network
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 10:25 PM (IST)

    हार के डर से पंचायत चुनावों से भाग रही सरकार जयराम

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    हार के डर से पंचायत चुनाव से भाग रही सरकार : भाजपा

    - लोगों का सामना नहीं कर सकते, इसलिए नहीं करवा रहे चुनाव : जयराम

    - चुनाव रोकना, लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व को रोकने जैसा : बिंदल

    - भाजपा प्रवक्ता जम्वाल बोले, दो वर्ष तक चुनाव टालने की तैयारी

    जागरण संवाददाता, शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल और वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जम्वाल ने प्रदेश में पंचायती राज चुनाव टालने पर सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा नेताओं ने यहां जारी बयान में कहा कि दिसंबर में प्रस्तावित पंचायत चुनाव टाल कर सरकार चुनाव से भाग रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को चुनाव हारने का डर है। मुख्यमंत्री और सरकार प्रदेश के लोगों का सामना नहीं कर सकते, इसलिए आपदा की आड़ में पंचायत चुनाव नहीं करवा रहे हैं।

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    जयराम ने कहा कि सरकार को इस चुनाव के परिणाम पहले से ही पता हैं। कांग्रेस की हार तय है। इसलिए पहले नगर निगम और नगर निकाय के चुनाव से किनारा किया और अब पंचायत चुनाव को भी रोक दिया है। आपदा के नाम पर पहले उपायुक्तों से पत्र लिखवाए गए और तत्काल चुनाव टाल दिए गए। सब कुछ सरकार का किया है। जिस आपदा के नाम पर सरकार चुनाव टाल रही है उन्हीं आपदा प्रभावितों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। सरकार अपनी नाकामी से भागने के बजाय जनता का सामना करे और निर्धारित समय पर चुनाव करवाए।

    डा. राजीव बिंदल ने कहा है कि सरकार ने चुनाव को सुनियोजित तरीके से स्थगित कर जनविरोधी निर्णय लिया है। कांग्रेस पार्टी को पता है कि अगर पंचायत चुनाव होंगे तो उनके समर्थित प्रत्याशी जीत नहीं पाएंगे। कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने की बात करती है पर असल में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व यानी मतदान को हानि पहुंचाने का कार्य कर रही है।

    वहीं त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि सरकार चुनाव को दो वर्ष आगे ले जाने की तैयारी में है। पहले मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव देना कि पंचायती राज चुनाव को आगे ले जाओ, फिर चुनाव आयोग के साथ सीधा टकराव, वोटर लिस्ट पूरी न होने की बात, सरकार द्वारा लगातार यह कहना कि जनगणना नहीं हुई इसलिए चुनाव नहीं हो सकता, उसके उपरांत टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को चुनावी प्रक्रिया के बीच डालना। ऐसे अनेक उदाहरण हैं कि चुनाव टालने की तैयारी की जा रही है।