हिमाचल के मजदूरों के लिए बड़े काम की है ELI योजना, पढ़ें कैसे मिलेगा इससे फायदा
श्रम एवं रोजगार विभाग ने इंप्लाइमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआइ) योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया है जिसका उद्देश्य श्रमिकों के हितों की रक्षा करना है। सचिव प्रियंका बसु इंग्टी ने बताया कि योजना का लक्ष्य सामाजिक सुरक्षा और दीर्घकालिक रोजगार को बढ़ावा देना है। इसके तहत ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारी को सरकार दो किस्तों में 15000 रुपये तक का ईपीएफ वेतन देगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। इंप्लाइमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआइ) योजना श्रमिकों के हितों का ध्यान रखेगी। यह जानकारी योजना के क्रियान्वयन के लिए आयोजित बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता श्रम एवं रोजगार सचिव प्रियंका बसु इंग्टी ने की।
उन्होंने कहा कि बैठक का मउद्देश्य राज्य में ईएलआइ योजना के क्रियान्वयन की रणनीति बनाना, निर्बाध कवरेज सुनिश्चित करना और हितधारकों, विशेष रूप से संगठित क्षेत्र के नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच जागरूकता बढ़ाना है।
सचिव ने सामाजिक सुरक्षा और दीर्घकालिक रोजगार को प्रोत्साहित करने के महत्व पर बल दिया, जो इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। बैठक में नियोक्ता संघ, औद्योगिक निकाय और ट्रेड यूनियनों के साथ जागरूकता शिविर लगाने और संयुक्त कार्यशालाओं के आयोजन पर चर्चा की गई।
सचिव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं राज्य सरकार के विभागों ने ठेकेदारों के माध्यम से कर्मचारियों को नियुक्त किया है।
उन्होंने कहा कि कई ठेकेदार ईपीएफ अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं। श्रम विभाग ईएलआइ योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए ईपीएफओ के साथ समन्वय स्थापित करेगा। इससे प्रदेश में अधिकतम नियोक्ता और कर्मचारी लाभ उठा सकेंगे।
इस मौके पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि ईपीएफ कार्यालय शिमला इंटरनेट मीडिया हैंडल पर प्रतिदिन ईएलआइ योजना का विवरण अपडेट कर नियोक्ताओं को मेल के माध्यम से जागरूक कर रहा है।
योजना के तहत ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारी को सरकार की ओर से दो किस्तों में 15,000 रुपये तक का एक महीने का ईपीएफ वेतन दिया जाएगा। इसमें वह लोग पात्र होंगे जिनका एक महीने का वेतन एक लाख रुपये तक है।
योजना की पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद देय होगी और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा के बाद कर्मचारियों के वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी।
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