बरसात में त्वचा पर बढ़ रहा फंगल इन्फेक्शन का खतरा, IGMC शिमला के विशेषज्ञ से जानिए लक्षण और बचाव का तरीका
Fungal Infection बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है खासकर पांव की उंगलियों में। नमी और पसीने के कारण बैक्टीरिया पनपते हैं। त्वचा को साफ और सूखा रखकर सूती कपड़े पहनकर और गीले जूतों से परहेज कर इससे बचा जा सकता है। संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

जागरण संवाददाता, शिमला। Fungal Infection, बरसात शुरू होने के साथ जहां लोगों को गर्मी से राहत प्रदान होती है। वहीं लोगों को त्वचा की समस्या से भी परेशान होना पड़ता है। बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फंगल इन्फेक्शन की समस्या लोगों में हो जाती है। इस मौसम में नमी और पसीने के कारण त्वचा पर बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन होता है।
फंगल इन्फेक्शन सबसे ज्यादा पांव की उंगलियों में होता है। इसके साथ ही बदलता तापमान, भीगना, गंदे पानी से संपर्क और पसीने की लगातार नमी त्वचा की कई समस्याओं का कारण बनती है।
आइजीएमसी के त्वचा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जेके वर्मा के अनुसार बरसात के दिनों में त्वचा में सबसे ज्यादा फंगल इन्फेक्शन होता है। बरसात के दिनों में लोग गीले रह जाते हैं और जूतों में गंदा पानी चला जाता है। इस कारण ये इन्फेक्शन हो जाता है। इससे त्वचा लाल रंग की हो जाती है और खुजली व छाले पड़ने शुरू हो जाते हैं और वह फैल जाता है।
डा. वर्मा ने कहा कि त्वचा को साफ, सूखा और हाईजीनिक रखें तो इस समस्या से बचा जा सकता है। स्वच्छता और सही दिनचर्या अपनाकर त्वचा को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है। यदि किसी को भी इसके लक्षण दिखते हैं तो डाक्टर के पास जाना चाहिए।
बरसात में क्यों होती है फंगल इन्फेक्शन की समस्या
फंगल इन्फेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। पैरों की उंगलियों के बीच, गर्दन, पीठ, अंडर आर्म्स में हो सकता है। इसके बढ़ने की मुख्य वजह होती है नमी और पसीना। बारिश के मौसम में जब हवा में नमी बढ़ जाती है और शरीर जल्दी सूख नहीं पाता। तो फंगल इन्फेक्शन की दिक्कत भी काफी बढ़ने लगती है। इन दिनों कपड़े अक्सर पूरी तरह सूख नहीं पाते हैं। ऐसे में उन्हें लंबे समय तक पहना जाए और साफ-सफाई का ख्याल न रखा जाए तो बैक्टीरिया शरीर के उस हिस्से को आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है।
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण
फंगल इन्फेक्शन खुजली व पसीने वाले हिस्सों में होता है। इसके साथ ही त्वचा का छिलना या फटना, कभी बदबू भी आने लगती है। छाले या जलन का एहसास होना। फंगल इन्फेक्शन का समय पर इलाज न हो तो ये इन्फेक्शन फैल सकता है और दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है।
फंगल इन्फेक्शन से बचाव
फंगल इन्फेक्शन से बचाव के लिए त्वचा को सूखा और साफ रखना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। नमी फंगल इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण है। त्वचा को ड्राई रखना सबसे जरूरी है। बरसात के दिनों में हल्के और सूती कपड़े पहनने चाहिएं, ताकि हवा लगती रहे। गीले कपड़े और जूते तुरंत बदलने चाहिएं। गीले जूते पहनने से फंगल इन्फेक्शन खासकर एथलीट फुट का खतरा बढ़ता है। जिन लोगों को पसीना बहुत ज्यादा आता है। उन लोगों को एंटी-फंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।
फंगल इन्फेक्शन होने पर क्या करें
बरसात के दिनों में यदि किसी को फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। तो खुजली या रेडनेस लगातार लंबे समय तक बनी रहे। तो तुरंत ही किसी डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी क्रीम या दवा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। फंगल इन्फेक्शन के इलाज में समय लगता है। इसमें एंटीवायरल दवाओं का कोर्स पूरा करना होता है।
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