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    गणेश महोत्सव से पहले शिमलावासियों में उत्सव का माहौल, घर-घर विराजेंगे बप्पा; 11 दिनों तक चलेगा उत्सव

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 04:23 PM (IST)

    शिमला का लोअर बाजार गणेश चतुर्थी के उत्सव के लिए सज रहा है। दुकानदारों ने गणेश भगवान की मूर्तियाँ लगानी शुरू कर दी हैं। शहर में 11 दिनों तक गणेश महोत्सव की धूम रहेगी लोग घरों में स्थापना के लिए मूर्तियाँ खरीद रहे हैं। एमसी कॉम्प्लेक्स में 108 मूर्तियों की स्थापना होगी और 26 अगस्त को शोभा यात्रा निकाली जाएगी। 6 सितंबर को मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।

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    गणेश महोत्सव के लिए सजने लगे बाजार

    जागरण संवाददता, शिमला। गणेश चतुर्थी को लेकर शिमला का लोअर बाजार सजना शुरू हो गया है। लोअर बाजार में दुकानदारों ने गणेश चतुर्थी के लिए गणेश भगवान की मूर्ति रखना शुरू कर दी है। शिमला में हर साल गणेश चतुर्थी को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।

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    इस साल भी इसी तरह से ही गणेश चतुर्थी को मनाया जाना है। शहर में गणेश चतुर्थी को लेकर शहर में रोजाना कार्यक्रम होते है। शहर में 11 दिन गणेश महोत्सव की धूम रहनी है। घरों में मूर्ति स्थापित करने के लिए लोग बाजारों से गणेश मूर्तियों की खरीददारी कर रहे हैं।

    शहर में यहां पर की जाती है गणपति मूर्तियों की स्थापना

    एमसी कांप्लेक्स मिडल बाजार और गंज बाजार में गणपति मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। कांप्लेक्स में 108 गणपति मूर्तियों की स्थापना की जानी है। 26 अगस्त से गणेश महोत्सव के कार्यक्रम शुरू होने है और 6 सितंबर तक चलने है। 26 अगस्त को गणपति मूर्तियों की स्थापना की जानी है और 6 सितंबर को इन मूर्तियों का विसर्जन सुन्नी में किया जाना है। 26 अगस्त बैंड-बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली जाएगी।

    गणेश स्थापना पूजा विधि

    गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं। शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें। वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं। पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।

    सबसे पहले ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें। भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं। भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें। उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।