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    गुस्सा या मजबूरी? शिमला के बागवानों ने नाले में फेंके सेब, क्या है इसकी असल वजह?

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 09:45 AM (IST)

    शिमला जिले में वर्षा और भूस्खलन से सड़कें बाधित होने के कारण बागबानों का सेब मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। बागबानों का आरोप है कि एचपीएमसी सी ग्रेड सेब खरीदने से इनकार कर रही है जिसके विरोध में उन्होंने सेब नालों में फेंक दिया। उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

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    शिमला न्यूज: विरोध में नाले में सेब फेंकते बागवान (जागरण फोटो)

    संवाद सूत्र, ननखड़ी। वर्षा व भूस्खलन के कारण शिमला जिले में कई संपर्क सड़कें बाधित हैं। रामपुर उपमंडल के ननखड़ी क्षेत्र में भी सड़कें बाधित होने से बागबानों का सेब मंडियों तक पहुंच नहीं पा रहा है।

    वहीं, बागबानों का आरोप है कि कृषि उपज एवं विपणन समिति (एचपीएमसी) सी ग्रेड सेब की खरीद से इनकार कर रही है। इसके विरोध में कुछ बागबानों ने सेब नालों में फेंक दिया। बागबानों ने सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

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    पंचायत अड्डू के शीला गांव के बागबान देवराज, रमेश खंड, रमेश ठाकुर और अमित ने कहा कि उन्हें अब सेब नालों में फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बागबानों का कहना है कि इस वर्ष आपदा और ओलावृष्टि से पहले ही नुकसान झेलना पड़ा, अब एचपीएमसी द्वारा सी ग्रेड सेब न खरीदने से स्थिति और खराब हो गई है।

    सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी

    पंचायत अड्डू के प्रधान पिंकू खंड ने एचपीएमसी से विक्रेता केंद्र खोलने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सेब की खरीद शीघ्र शुरू नहीं की तो बागबान सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार रामपुर के माध्यम से राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन भेजा।

    ज्ञापन में आरोप लगाया कि रामपुर, नरेण और ननखड़ी क्षेत्र के एचपीएमसी खरीद केंद्रों पर सेब की बोरियों को नहीं खरीदा जा रहा है। दाम न मिलने और परिवहन मार्ग बाधित होने के कारण बागबान प्रभावित हैं। भाजपा नेताओं ने सरकार से मांग की है कि एचपीएमसी तुरंत सी ग्रेड सेब की खरीद शुरू करे।

    बागवानों से की सहयोग की अपील

    एचपीएमसी जरोल टिक्कर के प्रबंधक विजय ने बताया कि सड़कों के बंद होने के कारण अड्डू, कुंगल बाल्टी, ननखड़ी, पनैल, शीलबाग और गाहन से सी ग्रेड सेब की बोरियां उठ नहीं रही हैं। उन्होंने बागबानों से सहयोग की अपील की है।

    बागबान सेब की बोरियों को खोलीघाट, टुटू पानी और टिक्कर तक पहुंचाएं, ताकि उनकी फसल की कीमत मिल सके। कुछ बागबान स्वयं जहां तक सड़कें बहाल हैं, फसल लेकर आ भी रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत जुब्बल के 28 केंद्रों में सेब खरीदा जा रहा है।

    अब तक 11000 मीट्रिक टन सेब खरीदा जा चुका है। वहीं, कुछ दिन पहले कुल्लू जिला के आनी उपमंडल में भी सड़कें बाधित होने के कारण बागबानों ने खराब हुआ सेब नाले में फेंक दिया है। कुल्लू जिला में नाले में दूध फेंकने का मामला भी आया था।