यह कैसी व्यवस्था? हिमाचल के कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, 587 सहायक आचार्य पद खाली
शिमला के राजकीय महाविद्यालयों में सहायक आचार्य के 587 पद रिक्त होने से शिक्षा पर असर पड़ रहा है। प्रदेश में 134 राजकीय महाविद्यालयों में अंग्रेजी हिंदी व विज्ञान संकाय के शिक्षकों की कमी है। सरकार ने अस्थायी नियुक्तियों पर रोक लगाई है जिससे समस्या बढ़ गई है। शिक्षा विभाग ने ढाई वर्ष में 527 शिक्षक नियुक्त किए हैं और युक्तीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की जा रही है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश सरकार जहां उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार व नए विषय आरंभ करने के दावे करती है, वहीं कॉलेजों में कई पद रिक्त हैं। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। प्रदेश में 134 राजकीय महाविद्यालय हैं। इनमें सहायक आचार्य के 2813 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 587 रिक्त हैं।
हालांकि सरकार ने कुछ पदों को भरने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है, लेकिन मंजूरी मिलने व चयन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया में एक साल लग जाता है। महाविद्यालयों में अंग्रेजी, हिंदी व विज्ञान संकाय के शिक्षकों की काफी कमी है। पहले कालेजों में अस्थायी तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाती थी, लेकिन अब सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया है।
सरकार ने बीच सत्र में शिक्षकों के तबादलों पर भी प्रतिबंध लगाया है। वहीं बीच सत्र में सेवानिवृत्ति भी नहीं की जाएगी। इससे कुछ राहत जरूर मिली है। शिक्षा विभाग ने ढाई वर्ष में कालेजों में सहायक आचार्य के पद पर 527 शिक्षक नियुक्त किए हैं। इसमें 484 सीधी भर्ती से नियुक्त किए हैं।
अभी भी विभाग में पदों को भरने की प्रक्रिया चली है। सरकार स्कूलों के बाद कालेजों में भी युक्तीकरण की प्रक्रिया को आरंभ कर रही है। कालेज में ऐसे विषय जिनमें छात्रों का नामांकन कम है उनको भी दूसरे कालेज में शिफ्ट कर दिया जाएगा। विज्ञान संकाय पर भी योजना बनाई जा रही है। कई कालेजों में विज्ञान संकाय में विद्यार्थियों का नामांकन बेहद कम है।
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