हिमाचल पंचायत चुनाव पर संग्राम: निर्वाचन आयोग के नोटिस के बावजूद उपायुक्तों नहीं अधिसूचित की वोटर लिस्ट, मतपत्र भी नहीं उठाए
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों से पहले राज्य निर्वाचन आयोग और उपायुक्तों के बीच टकराव बढ़ गया है। आयोग के आदेश के बाद भी उपायुक्तों ने मतदाता सूची को अधिसूचित नहीं किया है। उच्च न्यायालय ने चुनाव में देरी पर संज्ञान लिया है। आयोग ने आचार संहिता लागू कर दी है और ऊना नगर निगम की सीमा में बदलाव पर रोक लगा दी है।

हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव पर संग्राम छिड़ गया है। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश पंचायत चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग और उपायुक्त आमने-सामने हैं। राज्य निर्वाचन अयोग के आदेश के बावजूद जिला उपायुक्तों ने मतदाता सूची को अधिसूचित नहीं किया है, जबकि सभी जिला उपायुक्तों को 17 नवंबर पांच बजे तक का समय दिया गया था कि वह इस दौरान मतदाता सूचियों को अधिसूचित कर लें। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
राज्य निर्वाचन आयोग ने लागू की आचार संहिता की धारा 2.1
राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को आचार संहिता की धारा 2.1 लागू कर दी है। इसके तहत पंचायतों की सीमाओं में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
हाई कोर्ट ने भी लिया संज्ञान पर अधिकारी सुस्त
हिमाचल हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव में देरी पर राज्य चुनाव आयोग और प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके बाद सरकार ने जल्द चुनाव प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है। तो वहीं निर्वाचन आयोग भी सक्रिय हुआ है। लेकिन अधिकारियों की सुस्ती जारी है।
3 करोड़ मतपत्र प्रकाशित
इसके साथ मतपत्र भी नहीं उठाए हैं, जबकि तीन करोड़ मतपत्र पंचायत चुनाव के लिए चुनाव चिह्न के साथ छाप दिए हैं। अधिकारियों ने मतपत्र भी नहीं उठाए हैं।
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समय पर चुनाव प्रक्रिया के लिए उपायुक्तों को जारी किए थे नोटिस
चुनाव प्रक्रिया को समय पर पूरा करवाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए थे और जिला उपायुक्तों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए थे। किसी भी जिले से मतदाता सूची को अधिसूचित नहीं किया गया है और न मतपत्र उठाए गए हैं।
ऊना नगर निगम और नगर परिषद नादौन की सीमाओं में बदलाव
ऊना नगर निगम और नगर परिषद नादौन की सीमाओं में बदलाव के आदेश निरस्त
प्रदेश शहरी विकास विभाग ने शनिवार 15 नवंबर को ऊना ऊना नगर निगम में नए क्षेत्रों को शामिल करने और नादौन नगर परिषद से कई क्षेत्र बाहर करने की अधिसूचना जारी कर 14 दिनों में आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने आज इस पर रोक लगा दी है। ये प्रस्ताव निरस्त हो गए हैं।

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